साक्ष्य में ग्राह्य उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- कागज संख्या 31ग1 घटना स्थल का नक्शा नजरी है, जोकि विवेचना अधिकारी के द्वारा अपने सरकारी कर्त्तव्य के निर्वहन में विवेचना के दौरान तैयार किया गया है, अतः यह नक्शा नजरी साक्ष्य में ग्राह्य है।
- कागज संख्या 36ग1 घटना स्थल का नक्शा नजरी है, जोकि विवेचना अधिकारी के द्वारा अपने सरकारी कर्त्तव्य के निर्वहन में विवेचना के दौरान तैयार किया गया है, अतः यह नक्शा नजरी साक्ष्य में ग्राह्य है।
- यह दस्तावेज रिपोर्टिग आफीसर द्वारा तैयार किया गया है, जो दं0प्र0सं0 की धारा. 293 (एफ) में दी गई विधि व्यवस्था के तहत सीरीयोलाजिस्ट की रिपोर्ट नहीं है, जिसे साक्ष्य में ग्राह्य नहीं किया जा सकता है।
- इस सम्बन्ध में प्रार्थिनी ने उक्त वेतन से सम्बन्धित प्रमाण पत्र की प्रति 7-ग / 7 दाखिल की है परन्तु यह प्रमाण पत्र विधिवत साबित नहीं किया है जिसके अभाव में यह अभिलेख साक्ष्य में ग्राह्य नहीं माना जा सकता।
- इस प्रकार फर्द प्रदर्श पी. 14 में अभियुक्त द्वारा पुलिस अधिकारी के समक्ष की गई उक्त जुर्म संस्वीकृति होने से भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 25 व 26 के अनुसार यह फर्द प्रदर्श पी. 14 भी साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है।
- इस कारण एन. सी. आर. व चिकित्सीय आख्या से संबंधित उन अभिलेखों की मात्र छाया प्रतियां प्रश्नगत केस में दाखिल की गयी हैं जो किसी भी दृष्टि से साक्ष्य में ग्राह्य नहीं पायी जाती है और न ही उनका साक्ष्य में कोई महत्व है।
- पी. डब्ल्यू-2 के उक्त बयान से यह स्वीकृत रूप से साबित हो जाता है कि पी. डब्ल्यू-2 घटना के समय मौके पर उपस्थित नहीं था और उसने सुने सुनाये तथ्यों के आधार पर न्यायालय में बयान दिया है जो साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है।
- जहां तक अपीलार्थी / वादीगण का यह कथन है कि कुछ विक्रेताओं द्वारा दाखिल खारिज के मुकदमे में शपथ पत्र दिया गया था, वह साक्ष्य अधिनियम की धारा-3 के अनुसार साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है, इसलिए कब्जे के विषय में विद्वान अवर न्यायालय द्वारा दी गयी उपमति गलत है।
- इन परिस्थितियों में डी0ड0-1 के कथन पर विष्वास करना सम्भव नहीं है, विषेषकर पत्रावली पर उपलब्ध हुए दस्तावेजी साक्ष्य प्रदर्ष क-1 ता प्रदर्ष क-4 एवं कागज सं0 49ख/1 ता 49ख/3 जो इंदामते इववा वि मअपकमदबमं बज के अन्तर्गत साक्ष्य में ग्राह्य हैं, में वर्णित तथ्यों को देखते हुए।
- बिन्दू संख्या एक के तहत हम यह तय कर चुके हैं कि अभियुक्त के पास रिश्वत की मांग का हेतुक था, परन्तु बिन्दू संख्या 3 के तहत रिश्वत की मांग के सत्यापन के वक्त किये गये वार्तालाप की फर्द स्क्रीप्ट को साक्ष्य में ग्राह्य नहीं माना गया हैं।