पंडितराज उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- कहीं-कहीं यह भी सुना जाता है कि यवनी और पंडितराज-दोनों ने ही डूबकर प्राण दे दिए।
- उत्साह को आधार मानकर पंडितराज (17 वीं शती मध्य) आदि ने अन्य अनेक भेद भी किए हैं।
- किन्तु पंडितराज का मानना है कि रमणीय वस्तु हमारे ज्ञान से काव्यानुभूति में आकर आह्लाद् की सृष्टि करते हैं।
- इसके निर्माता सर्वतंत्र स्वतंत्र पंडितराज जगन्नाथ हैं जो नवाव शाहाबुद्दीन के आश्रित तथा आसफ खाँ के द्वारा सम्मानित राजकवि थे।
- इसके निर्माता सर्वतंत्र स्वतंत्र पंडितराज जगन्नाथ हैं जो नवाव शाहाबुद्दीन के आश्रित तथा आसफ खाँ के द्वारा सम्मानित राजकवि थे।
- -पंडितराज जगन्नाथ कुलीनता यही है और गुणों का संग्रह भी यही है कि सदा सज्जनों से सामने विनयपूर्वक सिर झुक जाए।
- ये सुप्रसिद्ध खगोल विद सम्राट दीक्षित जगन्नाथ पंडितराज बृद्धावस्था में मथुरा में दशावतार गली की अपनी दक्षिणियों की हवेली में रहते थे ।
- हिन्दी जगत में पंडितराज जगन्नाथ की उदग्र एवं प्रत्यग्र प्रतिभा तथा मीरा और जयदेव की मनोरम मधुरिमा इनकी साहित्य-सर्जना के सुरभित सद्गुण हैं।
- इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पंडितराज के अनुसार काव्य लक्षण “चमत्कारी आह्लाद् से पूर्ण रमणीय अर्थों के प्रतिपादक शब्द काव्य हैं।
- 2. पंडितराज जगन्नाथ कहते हैं, ‘ रमणीयार्थ-प्रतिपादकः शब्दः काव्यम् ' यानि सुंदर अर्थ को प्रकट करने वाली रचना ही काव्य है।