राज्यों का पुनर्गठन उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- राष्ट्रीय स्तर पर दो ऐसी घटनाएँ हुईं जिन्होंने भारत की एकता को बल दिया-भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन और राष्ट्रीय चुनावों को प्रांतीय चुनावों से अलग करना.
- फिर तो १ ९ ५ ३ के बाद राज्यों का पुनर्गठन होने लगा और कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, नागालैंड, मेघालय को अलग राज्य बना दिया गया.
- देखा जाए तो 1956 में भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन कर 14 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों के गठन के बाद भी नए राज्यों की मांग कभी थमी नहीं।
- राष्ट्रीय स्तर पर दो ऐसी घटनाएँ हुईं जिन्होंने भारत की एकता को बल दिया-भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन और राष्ट्रीय चुनावों को प्रांतीय चुनावों से अलग करना.
- रही बात क्षेत्रीय या छोटी भाषाओं के विलुप्ति की तो उन्हें बचाने की ज़िम्मेदारी राज्यों की है, आज़ाद हिन्दोस्तान में राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर इसीलिए तो किया गया।
- इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों मे बोली जाने वाली प्रमुख क्षेत्रिय भाषाओं को ना केवल संविधान की आठवीं अनुसूची मे शामिल किया गया अपितु भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन भी किया गया;
- राज्यों का पुनर्गठन आज की जरूरत है क्योंकि जनसंख्या वृद्धि और संसाधनों के अभावों सहित कई कारण हैं जिनके चलते आज नहीं तो कल राज्य पुनर्गठन की जरूरत को स्वीकार करना ही होगा।
- आजादी के बाद 1956 में जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत राज्यों का पुनर्गठन हुआ, तब से राज्यों ने अलग-अलग मॉडल अपनाए, जिनमें से कुछ अच्छे साबित हुए, जबकि बाकी का हाल अच्छा नहीं रहा.
- स्वतंत्रता के बाद भारत, इसमें भारत के राज्यों का एकीकरण, भाषाओं के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन, राष्ट्र निर्माण का कार्य, धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिकता, पिछड़े वर्ग और वंचित वर्गों के लाभ के लिए नीतियां शामिल हैं।
- इससे भी अहम पहलु ये है कि भले ही राज्यों का पुनर्गठन करना केन्द्र सरकार के हाथ में है, मगर देश की एकता व अखंडता की जिम्मेदारी के नाते मायावती ने उसके सामने एक संकट तो खड़ा कर ही दिया है।