संविद सरकार उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- कई मोर्चो पर रही खास भूमिका: 1967 में डीपी मिश्रा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को गिरवाने और गोविन्दनारायण सिंह के नेतृत्व में संविद सरकार का गठन करवाने में सरदार आंग्रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- बाद में यहां गोविन्द नारायण सिंह (प्रदेश की संविद सरकार के मुख्यमंत्राी), बैरिस्टर गुलशेर अहमद (विधान सभा अध्यक्ष तथा विधि मंत्राी) डॉ. लालता प्रसाद खरे (नगर पालिका के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन और बाद में राज्य मंत्राी) सक्रिय हुये।
- श्री मुलायम सिंह यादव भावुक होकर उन दिनों की याद की जब वह पहली बार 1967 में विधान सभा के सदस्य बने थे और श्री प्रभु नारायण सिंह चै 0 चरण सिंह के नेतृत्व में संविद सरकार के स्वास्थ्य मंत्री थे।
- ऐसे सभी तत् वों पर लगाम कसने के विषय पर नेशनल कॉंफ्रेंस और नेशनल कॉंग्रेस की संविद सरकार दृढ़प्रतिज्ञ नहीं रही, वरन् इन तत् वों को कश् मीर के नौजवानों को बरगलाने और पथ् थर बाजी के लिए उत् तेजित करने का भरपूर अवसर प्रदान किया।
- श्री वैâलाश नाथ काटजू की अडिग दृष्ठता जो प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने भी नहीं डिगी के लिये याद किया जाता है तो गोविन्द नारायण सिंह की संविद सरकार को “ लघुत्तम सरकार के महत्तम निर्णय ” के लिये जाना जाता है जिसमें शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन बढ़े थे।
- मनीराम विधान सभा क्षेत्र गोरखपुर में था. चौ. सा: की संविद सरकार में अंतर्विरोधों के चलते उन्हें हटा कर पूर्व प्रधानमंत्री स् व.ल ाल बहादुर शास्त्री के सखा और उन्हीं की भाँती बेहद ईमानदार राज्य सभा सदस्य श्री त्रिभुवन नारायण सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था.
- वे अपने गुरु सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, वीरेन्द्रकुमार सकलेचा और ' जनसंघ ' के दौर की संविद सरकार के संघर्षशील कार्यकाल सहित लगभग १ ७ सालों को या तो जान बूझकर विस्मृत कर रहे हैं, या फिर बाकई शिवराज को मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास का ज्ञान ही नहीं है।
- जब उसने 1967 के चुनाव में भाग लेकर बंगाल कांग्रेस के साथ पश्चिम बंगाल में संविद सरकार बनाई तब चारू मजूमदार ने माक्सस्ट कम्युनिस्ट पार्टी पर क्रांति के साथ विश्वासघात और नवसाम्राज्यवादी, सामंती तथा पूंजीवादी व्यवस्था का दलाल होने का आरोप लगाकर माक्र्स-लेनिन-माओ की विचारधारा के आधार पर नया गुट बना लिया।
- मैं अक्सर जनसंघ के 1967 में कोझीकोड (कालीकट) में पार्टी के मुख्य विचारक प0 दीनदयाल उपाध्याय की अध्यक्षता में हुए अधिवेशन की घटना का संदर्भ देता हूं जिसमें उनकी इस बात की आलोचना की गई थी कि उन्होंने बिहार में संविद सरकार में जनसंघ को भाग लेने की अनुमति दी जिसमें सी0पी0आई भी शामिल था।
- हमारे जी. ऍफ़. कालेज में बी. ए. के साथ इंटर की पढ़ाई उस समय होती थी (अब वह केवल डिग्री कालेज है और इंटर सेक्शन इस्लामिया कालेज में चला गया है). उ. प्र. में चौ. चरण सिंह की संविद सरकार ने अंगरेजी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था.