अँसुवन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अब देखिए न , मीरा का पद - '' अँसुवन जल सींच-सीं च. .. '' बचपन से पढ़ा था।
- अब देखिए न , मीरा का पद - '' अँसुवन जल सींच-सीं च. .. '' बचपन से पढ़ा था।
- अँखियाँ हैं भीगीं अँसुवन से ! अँखियाँ हैं भीगीं अंसुवन से, जब से तुम आये हो मन में !
- नैनन पड़ गए फीके बिन अँसुवन के अँखियाँ बरसतीं बिन धागे के माला जपती हो गए हाल बिरहा के सखी री मेरे
- सखी री मेरे नैनन पड़ गए फीकेरो-रो धार अँसुवन की छोड़ गयी कितनी लकीरेंआस सूख गयी प्यास सूख गयीसावन -भादों बीते सूखे सखी री मेरेनैनन पड़ गए फीके बिन अँसुवन के अँखियाँ बरसतीं बिन धागे के माला जपती हो गए . ..
- सखी री मेरे नैनन पड़ गए फीकेरो-रो धार अँसुवन की छोड़ गयी कितनी लकीरेंआस सूख गयी प्यास सूख गयीसावन -भादों बीते सूखे सखी री मेरेनैनन पड़ गए फीके बिन अँसुवन के अँखियाँ बरसतीं बिन धागे के माला जपती हो गए . ..
- सखी री मेरे नैनन पड़ गए फीकेरो-रो धार अँसुवन की छोड़ गयी कितनी लकीरेंआस सूख गयी प्यास सूख गयीसावन -भादों बीते सूखे सखी री मेरेनैनन पड़ गए फीके बिन अँसुवन के अँखियाँ बरसतीं बिन धागे के माला जपती हो गए
- सखी री मेरे नैनन पड़ गए फीकेरो-रो धार अँसुवन की छोड़ गयी कितनी लकीरेंआस सूख गयी प्यास सूख गयीसावन -भादों बीते सूखे सखी री मेरेनैनन पड़ गए फीके बिन अँसुवन के अँखियाँ बरसतीं बिन धागे के माला जपती हो गए
- हमसफ़र वो ही है मेरा , चाहे हाथ में ना हाथ हो मेरे अँसुवन में समाया शामिल है मेरे हास में क्यूँ करूँ प्रतीक्षा उसकी क्यूँ झूलूँ आस और निरास में !!!..... रूठना , गहरा ना उसका जान ना पायी थी मैं हूँ समाहित , मैं भी उसमें मान ना पायी थी मैं गाम्भीर्य मेरा है वही, है बस वही परिहास में...