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अंत्रवृद्धि का अर्थ

अंत्रवृद्धि अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. दाईं ओर के अंत्रवृद्धि को रोकने के लिये दायें कान को तथा बाईं ओर के अंत्रवृद्धि को रोकने के लिये बायें कान को छेदा जाता है .
  2. तम्बाकू के पत्ते पर एरंडी का तेल चुपड़कर आग पर गरम कर सेंक करने और गरम-गरम पत्ते को अंडकोषों पर बांधने से अंत्रवृद्धि और दर्द में आराम होता है।
  3. रास्ना , मुलहठी , गर्च , एरंड के पेड की जड़ , खरैटी , अमलतास का गूदा , गोखरू , पखल और अडूसे के काढ़े में एरंडी का तेल डालकर पीने से अंत्रवृद्धि खत्म होती है।
  4. नारायण तेल : सब प्रकार के वात रोग, पक्षघात (लकवा), हनुस्म्भ, कब्ज, बहरापन, गतिभंग, कमर का दर्द, अंत्रवृद्धि, पार्श्व शूल, रीढ़ की हड्डी का दर्द, गात्र शोथ, इन्द्रिय ध्वंस, वीर्य क्षय, ज्वर क्षय, दन्त रोग, पंगुता आदि की प्रसिद्ध औषधि।
  5. नारायण तेल : सब प्रकार के वात रोग, पक्षघात (लकवा), हनुस्म्भ, कब्ज, बहरापन, गतिभंग, कमर का दर्द, अंत्रवृद्धि, पार्श्व शूल, रीढ़ की हड्डी का दर्द, गात्र शोथ, इन्द्रिय ध्वंस, वीर्य क्षय, ज्वर क्षय, दन्त रोग, पंगुता आदि की प्रसिद्ध औषधि।
  6. नारायण तेल : सब प्रकार के वात रोग , पक्षघात ( लकवा ) , हनुस्म्भ , कब्ज , बहरापन , गतिभंग , कमर का दर्द , अंत्रवृद्धि , पार्श्व शूल , रीढ़ की हड्डी का दर्द , गात्र शोथ , इन्द्रिय ध्वंस , वीर्य क्षय , ज्वर क्षय , दन्त रोग , पंगुता आदि की प्रसिद्ध औषधि।
  7. नारायण तेल : सब प्रकार के वात रोग , पक्षघात ( लकवा ) , हनुस्म्भ , कब्ज , बहरापन , गतिभंग , कमर का दर्द , अंत्रवृद्धि , पार्श्व शूल , रीढ़ की हड्डी का दर्द , गात्र शोथ , इन्द्रिय ध्वंस , वीर्य क्षय , ज्वर क्षय , दन्त रोग , पंगुता आदि की प्रसिद्ध औषधि।
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