अकलंक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनके बाद होने वाले जैन आचार्यों ने अकलंक का ही अनुगमन किया है।
- अकलंक ने स्मृति को परोक्ष माना है , क्योंकि इसमें अविसंवाद देखा जाता है।
- इसी से कभी-कभी जैन न्याय को ' अकलंक न्याय ' भी कहा जाता है।
- इसी से कभी-कभी जैन न्याय को ' अकलंक न्याय ' भी कहा जाता है।
- 5000 फुट से भी ऊंची चोटियां अकलंक शुभ्रता का हिम मुकुट पहने खड़ी हैं।
- समारोह में अकलंक गर्ल्स कॉलेज के अविनाश जैन और एस . के.जैन ने भी मंचीय बातचीत कही।
- अकलंक ( 720 - 780 ई) , जैन न्यायशास्त्र के अनेक मौलिक ग्रंथों के लेखक आचार्य।
- आचार्य अकलंक एवं आचार्य विद्यान्दसूरिजी ने भाष्य वं वृत्ति से इस स्तुति को सुशोभित किया है।
- अकलंक ने प्रमाण प्रतिष्ठा करते हुए निम्नलिखित सिद्धान्त प्रस्तुत किया है- प्रमाण को अविसंवादी होना चाहिए।
- अकलंक के पिता का नाम पुरुषोत्तम था , जो मान्यखेट नगरी के राजा शुभतुंग के मंत्री थे।