अकुंठ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तुलसीदास लिखते हैः ‘ मति अकुंठ हरि भगति अखंडी ' ।
- निराला अकुंठ एवं वयस्क श्रंगार दृष्टि तथा तृप्ति के कवि हैं।
- ‘ आज ‘ का कवि अकुंठ भाव से स्वीकार करता है-
- यह किसी स्त्री - पुरुष के अकुंठ प्रेम का वक्त नहीं
- सबके चेहरों पर आपस में मिलने का अकुंठ , उत्सुक उल्लास।
- एक अकुंठ , प्रसन्न हँसी के साथ छेड़-छाड़ का आनंद ले रहे हैं।
- बिना किसी दुराव के अकुंठ भाव से वह व्यक्त करता है : .
- बिना किसी दुराव के अकुंठ भाव से वह व्यक्त करता है : .
- एक अकुंठ , प्रसन्न हँसी के साथ छेड़-छाड़ का आनंद ले रहे हैं।
- कामोद्दीपक ऐन्द्रियता और मांसलता के चित्रों में तो नेरुदा अकुंठ और अपराजेय हैं।