अक्रोधी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बुद्ध क्या कहते हैं ? बुद्ध कहते हैं , क्रोधी हो तो क्रोध के तथ्य को जानो , अक्रोधी होने की चेष्टा मत करना।
- जो अक्रोधी , भक्त , कृतज्ञ , जितेन्द्रिय तथा सत्वसंपन्न होते हैं और स्वभावतः निज धर्म , कर्तव्य तथा सदाचरण में सतर्कतापूर्वक निरत रहते हैं।
- * जो अक्रोधी है , व्रती है , शीलवान है , बहुश्रुत है , संयमी और अंतिम शरीर वाला है , उसे ही मैं ब्राह्मण कहता हूँ।
- अगर कोई मुझे गाली न दे , तो क्रोध बाहर तो नहीं आएगा , लेकिन मैं अक्रोधी नहीं हो जाऊंगा - क्रोध मेरे भीतर ही बना रहेगा।
- मनु महाराज ने मनुस्मृति के छठे अध्याय में संन्यासी के लक्षण बताए हैं उनके अनुसार जो व्यय्ति मन से सदा सत्य का ग्रहण करे , अक्रोधी रहे , सदैव कल्याण का उपदेश करे , मिथ्या भाषण न करे , परमात्मा में स्थिर रहे , धर्म का उपदेश करे , काम वासनाओं से सदा पृथक रहे , सदा जितेंद्रिय रहे वही संन्यासी है , साधु है , बाबा है , सच्चा गुरु है .
- मनु महाराज ने मनुस्मृति के छठे अध्याय में संन्यासी के लक्षण बताए हैं उनके अनुसार जो व्यय्ति मन से सदा सत्य का ग्रहण करे , अक्रोधी रहे , सदैव कल्याण का उपदेश करे , मिथ्या भाषण न करे , परमात्मा में स्थिर रहे , धर्म का उपदेश करे , काम वासनाओं से सदा पृथक रहे , सदा जितेंद्रिय रहे वही संन्यासी है , साधु है , बाबा है , सच्चा गुरु है .