अक्लिष्ट का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अक्लिष्ट वृत्तियाँ अभ्यासी योगी को विवेक - ख्याति की ओर अग्रसर करती हैं ; एवं , उसे लक्ष्य तक पहुँचा देती हैं।
- इसमें सुंदर उपमाएँ , उत्प्रेक्षा , रूपक , दृष्टांत आदि अलंकारों के मध्य कहीं कहीं अक्लिष्ट श्लेष का प्रयोग अत्यंत हृदयंगम है।
- महर्षि कहते हैं कि वृत्तियों के फेर में हमारा जीवन भले ही कितना ही क्लिष्ट क्यों न हो , पर यह योग विधि से अक्लिष्ट या सुखकर हो सकता है।
- इसी तरह पूर्व में प्राप्त हुए सन्मान को याद कर सुख अनुभव होना ' अक्लिष्ट स्म्रत्ति वृत्ति ' और अपमान को याद कर दुःख अनुभव करने को ' क्लिष्ट स्मृति वृत्ति ' कहा जाता है।
- इसी तरह पूर्व में प्राप्त हुए सन्मान को याद कर सुख अनुभव होना ' अक्लिष्ट स्म्रत्ति वृत्ति ' और अपमान को याद कर दुःख अनुभव करने को ' क्लिष्ट स्मृति वृत्ति ' कहा जाता है।
- जिन वृत्तियों का हेतु अविद्या आदि क्लेश नही हैं , प्रत्युत जो इन्द्रिय - वृत्तियाँ आध्यात्मिक भावनाओं से प्रेरणा पाकर उभरती हैं , वे अक्लिष्ट कही जाती हैं ; और , दुःख अदि को उत्पन्न करने के स्थान पर वे उनका नाश करने में सहयोगी होती हैं।
- उदहारण के लिए एक व्यक्ति रस्सी ढूंढ रहा हो और अँधेरे में सांप को रस्सी मान कर सुख का अनुभव करे तो वे ' अक्लिष्ट विपर्यय वृत्ति ' हुई और एक व्यक्ति हलके प्रकाश में रस्सी को सांप समझ कर भयभीत और दुखी हो जाए तो यह ' क्लिष्ट विपर्यय वृत्ति ' हुई।
- उदहारण के लिए एक व्यक्ति रस्सी ढूंढ रहा हो और अँधेरे में सांप को रस्सी मान कर सुख का अनुभव करे तो वे ' अक्लिष्ट विपर्यय वृत्ति ' हुई और एक व्यक्ति हलके प्रकाश में रस्सी को सांप समझ कर भयभीत और दुखी हो जाए तो यह ' क्लिष्ट विपर्यय वृत्ति ' हुई।