अगुरु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसे चम्पा और गुलाल आदि सुगन्धित द्रव्यों से सुवासित किया गया है तथा यह कस्तूरीरस , चन्दन, अगुरु और सुधा की धारा से आप्लावित है॥9॥
- मैं इसी अगुरु की ताप-तप्त , मधुमयी गन्ध पीने आई, निर्जीव स्वर्ग को छोड़ भूमि की ज्वाला में जीने आई बुझ जाए मृत्ति का अनल, स्वर्गपुर का तू इतना ध्यान न कर जो तुझे दीप्ति से सजती है, उस ज्वाला का अपमान न कर.
- एक दासी स्वर्णपात्र में केसर , अगुरु , चन्दन-मिश्रित अंगराग और नवमल्लिका की माला , कई ताम्बूल लिये हुए आयी , प्रणाम करके उसने कहा- ‘‘ महाश्रेष्ठि धनमित्र की कन्या ने श्रीमान् के लिए उपहार भेजकर प्रार्थना की है कि आज के उद्यान गोष्ठ में आप अवश्य पधारने की कृपा करें।
- एक दासी स्वर्णपात्र में केसर , अगुरु , चन्दन-मिश्रित अंगराग और नवमल्लिका की माला , कई ताम्बूल लिये हुए आयी , प्रणाम करके उसने कहा- ‘‘ महाश्रेष्ठि धनमित्र की कन्या ने श्रीमान् के लिए उपहार भेजकर प्रार्थना की है कि आज के उद्यान गोष्ठ में आप अवश्य पधारने की कृपा करें।
- इसे चम्पा और गुलाल आदि सुगन्धित द्रव्यों से सुवासित किया गया है तथा यह कस्तूरीरस , चन्दन , अगुरु और सुधा की धारा से आप्लावित है॥ 9 ॥ मैं कह्लार , उत्पल , नागकेसर , कमल , मालती , मल्लिका , कुमुद , केतकी और लाल कनेर आदि फूलों से , सुगन्धित पुष्पमालाओं से तथा नाना प्रकार के रसों की धारा से लाल कमल के भीतर निवास करने वाली श्रीचण्डिका देवी की पूजा करता हूँ॥ 10 ॥ श्रीचण्डिका देवी ! देववधुओं के द्वारा तैयार किया हुआ यह दिव्य धूप तुम्हारी प्रसन्नता बढाने वाला हो।
- इसे चम्पा और गुलाल आदि सुगन्धित द्रव्यों से सुवासित किया गया है तथा यह कस्तूरीरस , चन्दन , अगुरु और सुधा की धारा से आप्लावित है॥ 9 ॥ मैं कह्लार , उत्पल , नागकेसर , कमल , मालती , मल्लिका , कुमुद , केतकी और लाल कनेर आदि फूलों से , सुगन्धित पुष्पमालाओं से तथा नाना प्रकार के रसों की धारा से लाल कमल के भीतर निवास करने वाली श्रीचण्डिका देवी की पूजा करता हूँ॥ 10 ॥ श्रीचण्डिका देवी ! देववधुओं के द्वारा तैयार किया हुआ यह दिव्य धूप तुम्हारी प्रसन्नता बढाने वाला हो।