अछेद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जाहि अनादि अनंत अखण्ड , अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे , पचिहारे तू पुनि पार न पावैं।
- जाहि अनादि अनंत अखण्ड , अछेद अभेद सुबेद बतावैं॥ नारद से सुक व्यास रहे , पचिहारे तू पुनि पार न पावैं।
- यह परमात्मा कविर् है वही सर्वज्ञ है वह महाविद्वान है उसके ज्ञान को तर्क-वितर्क में कोई नहीं काट सकता अर्थात् उसका ज्ञान अछेद है।
- फिर काफी आयी . ... और हम वापस उसी रास्ते बैंक रोड लौट आये लेकिन मेरे प्रश्न का जवाब नहीं दिया उन्होंने .... आज तक मैं उस प्रखर वक्ता के मौन को ठीक ठीक परिभाषित नहीं कर पाया हूँ और उनके मौन के निहितार्थों को सोचा करता हूँ -ईश्वर सचमुच बताये जा सकने की क्षमता से परे जो हैं ! “ जाहि अनादि अनन्त अखंड अछेद अभेद सुवेद बतावें ” को भला प्रोफ़ेसर साहब इतने अल्प समय में एक अल्पज्ञ , अधीर छात्र को कैसे बता पाते ....