अण्डी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एरण्ड , जिसे अरण्ड, अरण्डी, अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं, यह गाँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- एरण्ड , जिसे अरण्ड, अरण्डी, अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं, यह गा ँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- एरण्ड , जिसे अरण्ड, अरण्डी, अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं, यह गा ँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- एरण्ड , जिसे अरण्ड , अरण्डी , अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं , यह गा ँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- एरण्ड , जिसे अरण्ड , अरण्डी , अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं , यह गा ँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- Mon , 03 Dec 2007 05:29:30 GMT http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/jadibuti/0712/03/1071203021_1.htm एरण्ड http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/jadibuti/0711/24/1071124023_1.htm एरण्ड, जिसे अरण्ड, अरण्डी, अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं, यह गाँव के बाहर आमतौर पर पाया जाता है।
- कढ़ाई का रस जब गाढ़ा होने लगता है तो उसमें झाग बनने लगता है जिसके बाहर निकलकर गिरने की सम्भावना होती है जिसे नियंत्रित करने के लिये एक दो बूद अण्डी का तेल कढ़ाही में डाल देते हैं।
- असगन्ध का बाहरी प्रयोगों से लाभ- ( १) घवों को सुखाना-असगन्ध का बारीक चूर्ण फोड़ों पर बुरकने से घाव भर जाते हैं (२) फोड़े की सूजन का कड़ापन होना-असगन्ध के पत्तों पर अण्डी का तैल चुपड़करबांधने से फोडों की सूजन तथा कड़ापन मिटता है.
- अण्डी की खेती तराई क्षेत्र के पीलीभीत , खीरी , सीतापुर , बहराईच , श्रावस्ती , संतकबीर नगर , गोण्डा , गोरखपुर , जनपदों व बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा कानपुर , इलाहाबाद एवं आगरा जनपदों में शुद्घ तथा मिश्रित रूप में की जाती है।
- लगभग 100 ग्राम माल कांगनी , 5 ग्राम सिंगिया, 5 ग्राम संखिया, 10 ग्राम धतूरे के बीज, 5 ग्राम जायफल, 5 ग्राम सफेद गोमती, 500 ग्राम नारियल का तेल, 500 ग्राम अण्डी का तेल और 250 मिलीलीटर अलसी का तेल इन सभी को मिलाकर आंच पर लाल होने तक उबालें।