अनन्वय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भारतीय साहित्य में अनुप्रास , उपमा , रूपक , अनन्वय , यमक , श्लेष , उत्प्रेक्षा , संदेह , अतिशयोक्ति , वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं।
- भारतीय साहित्य में अनुप्रास , उपमा , रूपक , अनन्वय , यमक , श्लेष , उत्प्रेक्षा , संदेह , अतिशयोक्ति , वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं।
- ' अनन्वय अलंकार' का चमत्कार दिखाया हो, ऐसी बात कदापि नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि रावण को शक्ति संपन्नता की दृष्टि से राम के समकक्ष रखना चाहते हैं।
- ' अनन्वय अलंकार' का चमत्कार दिखाया हो, ऐसी बात कदापि नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि रावण को शक्ति संपन्नता की दृष्टि से राम के समकक्ष रखना चाहते हैं।
- ' अनन्वय अलंकार' का चमत्कार दिखाया हो, ऐसी बात कदापि नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि रावण को शक्ति संपन्नता की दृष्टि से राम के समकक्ष रखना चाहते हैं।
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा , विभावना , व्यतिरेक , भ्रांतिमान , संदेह , विरोधाभास , अपन्हुति , प्रतीप , अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है .
- इस कारन उनके गीतों में व्याजस्तुति , व्याजनिंदा , विभावना , व्यतिरेक , भ्रांतिमान , संदेह , विरोधाभास , अपन्हुति , प्रतीप , अनन्वय आदि अलंकारों की उपस्थति नगण्य है .
- उपमा , अनन्वय तथा संदेह अलंकार की तरह प्रतीप अलंकार में भी सादृश्य का चमत्कार रहता है , अंतर यह की उपमा की अपेक्षा इसमें उल्टा रूप दिखाया जाता है .
- उपमा , अनन्वय तथा संदेह अलंकार की तरह प्रतीप अलंकार में भी सादृश्य का चमत्कार रहता है , अंतर यह की उपमा की अपेक्षा इसमें उल्टा रूप दिखाया जाता है .
- काव्यकुल कल्पतरु ' में अनन्वय अलंकार के लक्षण स्वरूप रचित दोहे में कवि रहमत के सुझाव पर जो संशोधन करना पड़ा [ 18 ] उससे पता चलता है कि काव्यशास्त्र में इनकी पैठ कितनी गहरी थी।