अनफा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अनफा योग में चन्द्रमा से द्वादस्थ ग्रहों का फलादेश यदि चन्द्रमा से मंगल द्वादस्थ हो तो जातक रणोत्सुक , क्रोधी , मानी और डाकुओं का सरदार होता है।
- अनफा व सुनफा योग जो चन्द्र से द्वितीय , द्वादश भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रहों की स्थिति द्वारा बनते हैं, जातक अपने पुरुषार्थ से धन को प्राप्त करता है।
- सूर्य बुद्ध योग , राजकेसरी योग, अनफा योग, वोशि योग, पर्वत योग, शंख योग, भेरी योग, नीचभंग योग, उत्तम योग, अरिष्ट भंग योग जो उन्हें राजयोग की ओर ले जाते हैं।
- ( फल दीपिका) अनफा व सुनफा योग जो चन्द्र से द्वितीय, द्वादश भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रहों की स्थिति द्वारा बनते हैं, जातक अपने पुरुषार्थ से धन को प्राप्त करता है।
- अनफा व सुनफा योग जो चन्द्र से द्वितीय , द्वादश भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रहों की स्थिति द्वारा बनते हैं , जातक अपने पुरुषार्थ से धन को प्राप्त करता है।
- मैंने उनको अपने अल्प ज्ञान से यह बताया कि ज्योतिष में वेली , वसी , उभयाचरी , अनफा , सुनफा , दूर्धरा , केमद्रुम , विषयोग , चांडाल , ग्रहण , जैसे अनेक योग हैं , उन्ही में से एक योग काल सर्प भी है .
- मैंने उनको अपने अल्प ज्ञान से यह बताया कि ज्योतिष में वेली , वसी , उभयाचरी , अनफा , सुनफा , दूर्धरा , केमद्रुम , विषयोग , चांडाल , ग्रहण , जैसे अनेक योग हैं , उन्ही में से एक योग काल सर्प भी है .
- इस कुंडली से यह भी देखा जा सकता है कि इसमें सभी छहों ग्रह चंद्रमा से द्वादश भाव में स्थित होकर अनफा योग का सृजन कर रहे हैं जो यह स्पष्ट करते हैं कि जातक बलिष्ठ , प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी , सम्मानित और शौकीन प्रवृत्ति का होगा।
- मंगल से बनने वाले सुनफा और अनफा योग , चंद्र , मंगल , शनि व शुक्र से बनने वाला इंद्र योग , पंचमहापुरुष योगों में से मंगल से बनने वाला रुचक योग , चंद्र-मंगल योग आदि व्यक्ति को संपन्न , सुखी , स्वस्थ , पराक्रमी एवं राजनीतिज्ञ बनाते हैं।