अनुकथन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अनुवाद की परिभाषा करते हुए उसे किसी एक भाषा के कथन के तात्पर्य को सुरक्षित रखते हुए अन्य भाषा में अनुकथन या पाठ परिवर्तन ( जॉनसन) कहा गया है.
- विश्लेषण , अन्वय, टीका, व्याख्या की अनेक सरणियों से न केवल सर्जनात्मक साहित्य, बल्कि जीवन व्यवस्था के अधीन ज्ञान के सभी संकायों में अनुकथन, पुनर्कथन की दीर्घ परम्परा बनी रही।
- अनुवाद की परिभाषा करते हुए उसे किसी एक भाषा के कथन के तात्पर्य को सुरक्षित रखते हुए अन्य भाषा में अनुकथन या पाठ परिवर्तन ( जॉनसन ) कहा गया है .
- भारत को जानने के लिए वेद , उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि के अनुवाद दूसरे देशों के लोग तो कर ही रहे थे, यहाँ भारत में ही उनके अनुकथन कई रूपों में हो रहे थे।
- इससे अलग यह भी कि यहाँ के चिन्तकों के लिए अनुकथन / पुनर्कथन/पुनप्र्रस्तुति के क्रम में बोधन, विश्लेषण, अन्वय, व्यख्या के जितने कार्य करने पड़े, उन सबको हमारे पूर्वजों ने अपनी दिनचर्या का एक अंश मानाए इतिहास की कोई घटना नहीं।
- इस अर्थ में देखें , तो प्रारम्भिक समय में गुरुकुल में गुरुजनों द्वारा जो मूल पाठ की व्याख्या होती थी, अन्वय होता था, या कण्ठस्थ कराने हेतु एक ही पाठ बार-बार रटाया जाता था, वह अनुकथन भी अनुवाद की कोटि में ही आएगा।
- जैसे अब तक उल्लिखित विरहिणी नायिकाओं पर आप सभी के अनुकथन से यह बात साफ़ तौर पर उभर कर सामने आई है कि आज तकनीकी जुगतों के चलते पहले जैसी विरहणी नायिकाएं अब कहाँ रही ? तो क्या अब की नायिकाएं केवल विहारिणी ही रह गयी हैं ? उनमें विरह का लोप हो गया है ?