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अनुलेपन का अर्थ

अनुलेपन अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. ( ६) ध्वज, छत्र, वितान औरपताका के (उपकरणो) से अनेक (प्रकार के) चूर्ण और अनुलेपन लेकर जो व्यक्तिसुगत की पूजा करता है वह शीघ्र समाधि लाभ करता है.
  2. . . मथुरा की नारियां मर मिटेंगी... आर्य, जाकहां रहे है इस समय? 'वह मेरे शरीर पर अनुलेपन करती रही और मैं' मैं तो तुम पर मर मिटा हूं बाले.
  3. . . यह अनुलेपन लगायें आर्य, लाइये, लाइये मैं ही लगा दूं... चौंसठ औषधियोंका मिश्रण है, सुगन्ध द्रव्य पृथक! 'मैंने हाथ में लेकर सूंघा-उसमें विशेष माधुरी-मद-सा था जो मनो-~ रंजित कर देनेवाला था.
  4. अनुलेपन के बाद केशों को धूप से धूपित करने की प्रक्रिया की जाती थी , ऐसा करने पर बाल नहीं उड़ते थे , बाल सफेद नहीं होते हैं तथा चिकने और मुलायम बने रहते हैं।
  5. देवि निद्रा के नाम ने मेरे ह्रदय में भाव तरंगे उठा दी थीं किन्तु स्वयं परसंयम रखकर अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मैंने विलासपूर्वक कहा- ' चन्द्रे, यह राजसी अनुलेपन तो राजा के ही योग्य है.
  6. धनुषयज्ञ में आते समय कृष्ण ने उसे देखा और मांगने पर उस ने उन्हें बड़ी प्रसन्नता से अनुलेपन आदि दिए , जिस से प्रसन्न हो कर श्रीकृष्ण ने 3 जगह से टेढ़ी कुब्जा को सीधी करने का विचार किया।
  7. भावार्थ : इस विश्वरूप में अनेकों मुँह , अनेकों आँखे , अनेकों आश्चर्यजनक दिव्य-आभूषणों से युक्त , अनेकों दिव्य-शस्त्रों को उठाये हुए , दिव्य-मालाऎँ , वस्त्र को धारण किये हुए , दिव्य गन्ध का अनुलेपन किये हुए , सभी प्रकार के आश्चर्यपूर्ण प्रकाश से युक्त , असीम और सभी दिशाओं में मुख किए हुए सर्वव्यापी परमेश्वर को अर्जुन ने देखा।
  8. मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
  9. मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
  10. मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन , रंजकनकिका , दीपवति इत्यादि ; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल , धूप और केशपटवास इत्यादि ; आँखों के लिए काजल , सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि ; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता ; शरीर के लिए चंदन , देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप , स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास , कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
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