अनेकार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मध्ययुगीन कोशों में अनेकार्थ समुच्चय महत्व का कोश समझा जाता है।
- इसके पाँच कांड ( स्वर, भूमि, पाताल, सामान्य और अनेकार्थ ) हैं ।
- संस्कृत में कः के अनेकार्थ है जिनमें एक अर्थ है वायु अर्थात हवा।
- संस्कृत में कः के अनेकार्थ है जिनमें एक अर्थ है वायु अर्थात हवा।
- आगे चलकर नानार्थक या अनेकार्थ शब्दलिपि का विस्तार से आकलन होने लगा ।
- आगे चलकर नानार्थक या अनेकार्थ शब्दलिपि का विस्तार से आकलन होने लगा ।
- थोड़े से कोशकारों ने आरंभ में पर्याय या अनेकार्थ शब्दो में नए शब्द जोड़े ।
- किसी एक भंगिमा से शास्त्रोल्लिखित अर्थ के अलावा भी अनेकार्थ सम्प्रेषित किये जा सकते हैं .
- इस स्व को अर्थ के अनेकार्थ के साथ समझने से अर्थ-अनर्थ-व्यर्थ-स्वार्थ आदि स्वरूप दिखाई पड़ते हैं।
- इस स्व को अर्थ के अनेकार्थ के साथ समझने से अर्थ-अनर्थ-व्यर्थ-स्वार्थ आदि स्वरूप दिखाई पड़ते हैं।