अप्रमाण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रमेय सिद्ध करने के लिये प्रमाण या अप्रमाण जो भी हो सिद्ध तो करना ही होगा ।
- अन्य दार्शनिकों ने तर्क को न तो प्रमाण की कोटि में रखा है और न ही अप्रमाण की कोटि में।
- चूंकि स्मृति परतंत्र होता है , इसलिए इसे परोक्ष प्रमाण कहा जा सकता है , किन्तु अप्रमाण नहीं कहा जा सकता।
- उदयनाचार्य ' वेद प्रमाण है ' ऐसा कहकर कूद पड़े और बौद्ध पंडित ' वेद अप्रमाण है ' ऐसा कहकर कूदे।
- इसलिए यदि ' आईन अकबरी ' के मानने से आपका अभिष्ट सिद्ध न हो , तो इससे वह अप्रमाण नहीं हो सकती।
- इसे अप्रमाण नहीं माना जा सकता , अन्यथा व्याप्ति स्मरणपूर्वक होने वाला अनुमान प्रमाण नहीं हो सकता और बिना व्याप्ति स्मरण के अनुमान संभव नहीं है।
- आपके आशीष से , तालीम से और ज्ञान से उपदेश से ,उसूल से , सार और व्याख्यान से अप्रमाण जीवन को मिली परिधि नई,नव दिशा श्वेत मानस पट...
- या परत : अर्थात अन्य प्रमाणों से ? यदि स्वत : प्रामाण्य निश्चित होता है तो किसी भी व्यक्ति को प्रमाण और अप्रमाण के विषय में कभी अज्ञान ही नहीं होगा।
- ब्लोगोत्सव-२०१० पर आज : शिक्षक दिवस पर कवि दीपक शर्मा की अभिव्यक्ति आपके आशीष से ,तालीम से और ज्ञान से उपदेश से ,उसूल से , सार और व्याख्यान से अप्रमाण जीवन को मिली परिधि नई,नव दिशा श्वेत मानस पटल पर स्वरूप विद्या का धरा डगमगाते कदम को नेक राह दी,आधार दिया संकीर्ण ,संकुचित बुद्धि को अनंत सा विस्तार दिया .....
- अर्थात् जिस शास्त्र में आयु के स्वरूप , आयु के विविध भेद, आयु के लिए हितकारक और अप्रमाण तथा उनके ज्ञान के साधनों का एवं आयु के उपादानभूत शरीर, इंद्रिय, मन, और आत्मा, इनमें सभी या किसी एक के विकास के साथ हित, सुख और दीर्घ आयु की प्राप्ति के साधनों का तथा इनके बाधक विषयों के निराकरण के उपायों का विवचेन हो उसे आयुर्वेद कहते हैं।