अभिधेयार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दोनों में अभिधेयार्थ गौण और लक्ष्यार्थ तथा व्यंग्यार्थ प्रधान होते हैं।
- § अभिधा द्वारा अभिव्यक्ति अर्थ को अभिधेयार्थ या मुख्यार्थ कहते हैं .
- अर्थात् अभिधेयार्थ के द्वारा शब्द से उसका संबंध होता है , क्योंकि नियम
- लोकोक्तियों का अभिधेयार्थ से भिन्न विशिष्ट लाक्षणिक अर्थ ही ग्रहण किया जाता है।
- इसलिए ये इनके शब्दकोष से सिरे से अपने अभिधेयार्थ सहित गायब हैं ! !!
- लोकोक्तियों का अभिधेयार्थ से भिन्न विशिष्ट लाक्षणिक अर्थ ही ग्रहण किया जाता है।
- अभिधा द्वारा अभिव्यक्ति अर्थ को अभिधेयार्थ या मुख्यार्थ कहते हैं; जैसे ‘सिर पर चढ़ना ' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठा कर सिर पर रखना होगा।
- अभिधा द्वारा अभिव्यक्ति अर्थ को अभिधेयार्थ या मुख्यार्थ कहते हैं; जैसे ‘सिर पर चढ़ना ' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठा कर सिर पर रखना होगा।
- अर्थ यह हुआ - मुख्यार्थ में बाधा होने पर रूढि या प्रयोजन के आधार पर अभिधेयार्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को व्यक्त करने वाली शक्ति लक्षणा शक्ति कहलाती है।
- “प्रायः शारीरिक चेष्टाओं , अस्पष्ट ध्वनियों और कहावतों अथवा भाषा के कतिपय विलक्षण प्रयोगों के अनुकरण या आधार पर निर्मित और अभिधेयार्थ से भिन्न कोई विशेष अर्थ देने वाले किसी भाषा के गठे हुए रूढ़ वाक्य, वाक्यांश या शब्द-समूह को मुहावरा कहते हैं।”