अभिमानरहित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भावार्थ : - राजा ने कहा- जो आपके सदृश विज्ञान के निधान और सर्वथा अभिमानरहित होते हैं, वे अपने स्वरूप को सदा छिपाए रहते हैं, क्योंकि कुवेष बनाकर रहने में ही सब तरह का कल्याण है (प्रकट संत वेश में मान होने की सम्भावना है और मान से पतन की)॥1॥
- भावार्थ : - राजा ने कहा- जो आपके सदृश विज्ञान के निधान और सर्वथा अभिमानरहित होते हैं , वे अपने स्वरूप को सदा छिपाए रहते हैं , क्योंकि कुवेष बनाकर रहने में ही सब तरह का कल्याण है ( प्रकट संत वेश में मान होने की सम्भावना है और मान से पतन की ) ॥ 1 ॥
- ( जो पुरुष एक सच्चिदानन्दघन परमात्मा में ही नित्य, एकीभाव से स्थित हुआ इस त्रिगुणमयी माया के प्रपंच रूप संसार से सर्वथा अतीत हो गया है, उस गुणातीत पुरुष के अभिमानरहित अन्तःकरण में तीनों गुणों के कार्यरूप प्रकाश, प्रवृत्ति और मोहादि वृत्तियों के प्रकट होने और न होने पर किसी काल में भी इच्छा-द्वेष आदि विकार नहीं होते हैं, यही उसके गुणों से अतीत होने के प्रधान लक्षण है)॥22॥
- ( जो पुरुष एक सच्चिदानन्दघन परमात्मा में ही नित्य , एकीभाव से स्थित हुआ इस त्रिगुणमयी माया के प्रपंच रूप संसार से सर्वथा अतीत हो गया है , उस गुणातीत पुरुष के अभिमानरहित अन्तःकरण में तीनों गुणों के कार्यरूप प्रकाश , प्रवृत्ति और मोहादि वृत्तियों के प्रकट होने और न होने पर किसी काल में भी इच्छा-द्वेष आदि विकार नहीं होते हैं , यही उसके गुणों से अतीत होने के प्रधान लक्षण है ) ॥ 22 ॥ उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।