अमूढ़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हनुमान जी की भक्ति से हम विमूढ़ से मूढ़ , मूढ़ से 'सम्मूढ' और 'सम्मूढ' से 'अमूढ़ ' होकर 'गच्छ्न्त्यमूढाः पदमव्ययं तत्' यानि जीवन के परम लक्ष्य की ओर जाने का सच्चा और सार्थक प्रयास कर सकते हैं.
- श्लोक की टाइपिंग में हुई त्रुटि के लिए क्षमा चाहूँगा . उपरोक्त श्लोक में 'गच्छ्न्त्यमूढाः पदमव्ययं तत्' के द्वारा अमूढ़ (मूढता का सर्वथा त्याग करते हुए)होकर 'अव्यय पद' तक पहुँचने की साधना वर्णित है,जिसकी व्याख्या निम्न प्रकार से की जा सकती है.
- हनुमान लीला भाग-२ , हनुमान लीला भाग-३, हनुमान लीला भाग-४, हनुमान लीला भाग-५ और इस पोस्ट के माध्यम से मैं हनुमान जी का ध्यान करते हुए यही प्रार्थना करता हूँ कि वे हम सब को 'अमूढ़' बनाकर हम में वांछित बल,बुद्धि,विद्या प्रदान कर हमारे समस्त क्लेशों का हरण कर हमें पदम् अव्ययं पद यानि राम,पूर्णानन्द की प्राप्ति की ओर अग्रसर करें.क्योंकि हनुमान जी के लिए कुछ भी दुर्लभ नही है.