अमृतत्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ज्ञान और कर्म का मन्तुलित प्रयोक्ता पुरूष अमृतत्व का भागी होता है।
- विमुच्य , मुच्यते, मुक्ति, अमृतत्व, अमृत पद आदि उपनिषदों में प्रयुक्त हुये हैं
- अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन - वित्त से अमृतत्व की आशा करना बेकार है।
- वृन्तच्युत खरबूजे के समान मृत्यु के बन्धन से छुड़ाकर मुझे अमृतत्व प्रदान करें।
- यदि अमृतत्व प्राप्त करना है , तब विद्या भी आवश्यक है और अविद्या भी ।
- भक्त की सहज प्रार्थना है कि मुझे मृत्यु से छुडा दो , अमृतत्व से नहीं।
- भक्त की सहज प्रार्थना है कि मुझे मृत्यु से छुडा दो , अमृतत्व से नहीं।
- ओंकार की विद्या अविनाशी है , अमृतत्व और ब्रह्मपद को प्रदान करने वाली है।
- ओंकार की विद्या अविनाशी है , अमृतत्व और ब्रह्मपद को प्रदान करने वाली है।
- अमृतत्व उपनिषद् में कहा गया है , न कर्मणा, न प्रजया, धनेन, त्यागेन चैके अमृतत्वमानशुः।