अयथार्थता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके साथ ही वैदिक मतों ( सांख्य , वैशेषिक , पाशुपत आदि ) एवं अवैदिक सिद्धान्तों ( जैन , बौद्ध आदि ) के दोषों एवं उनकी अयथार्थता को दर्शाया गया है।
- यही कारण है कि उनके उपन्यासों को पढते समय ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपने जीवन का सजीव चित्र अपनी आखों से देख रहे हैं , जिसमें कहीं भी अयथार्थता या कृत्रिमता नहीं है।
- ख़ासकर नायकों की माँ , पत्नी या प्रेमिका का दुर्गा , शंकर आदि के मंदिर में प्रार्थना करना , सिर पटक - पटक कर रक्षा की गुहार लगाना , या फिर जंतर पहनना आदि दिखाकर तिलिस्मी कहानियों-सी अयथार्थता का ख़ूब प्रदर्शन किया जाता रहा है।
- इधर कथा गद्य की विवशता यह है कि उसे वाक्यों के संगतिमूलक संसर्ग पर निर्भर रहना पड़ता है , जिसका साहित्यिक परिणाम यह होता है कि वाक्यों की इस संशक्ति के कारण इनके माध्यम में रचे जा रहे यथार्थ में भी एक संगति या क्रम-व्यवस्था रच जाती है-स्पष्ट है कि यह क्रम व्यवस्था देशगत और कालगत होती है , जबकि अनुभूति या रचना के क्षण देश और काल की सीमाओं की अयथार्थता में ही संभव है .