अरणि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 3- काष्ठ के सभी पात्र अरणि , उत्तराणि और मूसल आदि को यथा स्थान रखना (116)
- कितना भव्य और पावन दर्शन था ! अरणि के मंथन से प्रथम गर्मी पैदा होती है;
- कितना भव्य और पावन दर्शन था ! अरणि के मंथन से प्रथम गर्मी पैदा होती है;
- अतएव ऋषियों ने अरणि से उनका शरीर मन्थन किया , जिससे इनके एक पुत्र उत्पन्न हुआ।
- 116 : - काष्ठ के सभी पात्र, अरणि, उत्तराणि और मूसल आदि को भी यथा स्थान रखा।
- अतएव ऋषियों ने अरणि से उनका शरीर मन्थन किया , जिससे इनके एक पुत्र उत्पन्न हुआ।
- ( 6 ) अरणि-मंथन अग्निहोत्री , जिससे श्रौताग्नि को प्रकट करता है , उसे अरणि कहते हैं ।
- यज्ञ स्थल के रक्षक , दूरदर्शी, चिरयुवा, आहुतियो को देवो तक पहुंचाने वाले, ज्वालायुक्त आहवनीय यज्ञाग्नि को अरणि मन्थन द्वारा उत्पन्न
- इससे पहले यज्ञ शाला में अरणि मंथन से अग्नि प्रकट कर यज्ञाचार्य मनोज बाजपेई ने यजमानों से यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
- जैसे यज्ञ के काष्ठ अरणि में अग्नि गुप्त रहती है , वैसे ही आपने अपने ज्ञान को गुणों की माया से ढक रखा है।