×

अराति का अर्थ

अराति अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. ाला स्वतंत्रता पुकारती ' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी ! अराति सैन्य सिंधु में ,सुबाड़वाग्नि से चलो, प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो ! जयशंकर प्रसाद
  2. ाला स्वतंत्रता पुकारती ' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी ! अराति सैन्य सिंधु में ,सुबाड़वाग्नि से चलो, प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो ! जयशंकर प्रसाद
  3. हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयंप्रभा समुज्ज्वाला स्वतंत्रता पुकारती ' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी ! अराति सैन्य सिंधु में ,सुबाड़वाग्नि से चलो, प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो ! जयशंकर प्रसाद
  4. हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयंप्रभा समुज्ज्वाला स्वतंत्रता पुकारती ' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी ! अराति सैन्य सिंधु में ,सुबाड़वाग्नि से चलो, प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो ! जयशंकर प्रसाद
  5. हिमाद्रि तुंग शृंग से - जयशंकर प्रसाद हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती ' अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!' असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी! अराति सैन्य सिंधु में, सुवाड़वाग्नि से जलो, प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो! - जयशंकर प्रसाद
  6. ४ ९ . ७७ ( यक्षों को इन्द्रिय अराति बाधा ) , ५ . २ . ६ ४ . १ ७ ( राजा पशुपाल द्वारा ५ बुद्धीन्द्रियों व ५ कर्मेन्द्रियों के हनन का प्रयत्न करने का वृत्तान्त ) , ५ . ३ . ५ १ . ३ ४ ( इन्द्रिय निग्रह के आठ पुष्पों में से एक होने का उल्लेख ) , ५ . ३ . १ ३ ९ .
  7. प्रस्तुत है रचना - हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती , स्वयम प्रभा समुज्जवला स्वतंत्रता पुकारती॥ कोरस अमर्त्य वीर पुत्र हो दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो, प्रशस्त पुण्य पंथ है बढ़े चलो बढ़े चलो॥ कोरस असंख्य कीर्ति रश्मियाँ विकिर्ण दिव्य दाह सी, सपूत मातृभूमि के रुको न शूर साहसी॥ कोरस अराति सैन्य सिंधु में सुबाड्वाग्नि से जलो, प्रवीर हो जयी बनो बढ़े चलो बढ़े चलो॥ कोरस यूट्यूब पर वीडियो के लिये चटका लगायें
अधिक:   पिछला  आगे


PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.