अवक्तव्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- स्यात् अवक्तव्य वस्तु कथंचित् अवक्तव्य ही है , क्योंकि दोनों को एक साथ कहा नहीं जा सकता।
- वे तीन भंग ये है * स्यात् अस्ति अवक्तव्य अर्थात् वस्तु कथंचित् भाव और अवक्तव्य ही है।
- वे तीन भंग ये है * स्यात् अस्ति अवक्तव्य अर्थात् वस्तु कथंचित् भाव और अवक्तव्य ही है।
- इसी प्रकार वस्तु को सर्वथा उभय , सर्वथा अवक्तव्य मानने पर भी लोक व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।
- भगवान की दिव्यध्वनि स्यात , अस्ति-नास्ति . अवक्तव्य आदि सात रूपों में खिरी थी इसलिये यह दिन “ गोवर्द्धन ” के रूप में मनाया जाता है।
- भगवान की दिव्यध्वनि स्यात , अस्ति-नास्ति . अवक्तव्य आदि सात रूपों में खिरी थी इसलिये यह दिन “ गोवर्द्धन ” के रूप में मनाया जाता है।
- इस पर भगवान् महावीर बोले- यह ज्ञान का छठा आयाम है- ६ . स्यात् नास्ति च अवक्तव्यम् , यानि कि वस्तु नहीं है और अवक्तव्य है।
- महावीर पुनः बोले- क्या तुम अपने अनुभव को ठीक- ठीक कह सकते हो ? सुधर्मा बोला- नहीं भगवन् ! तीर्थंकर ने कहा यही ज्ञान का चौथा आयाम है- ४ . स्यात् अवक्तव्यम् - सत्य अवक्तव्य है।
- एक बार में उच्चरित एक शब्द एक ही अर्थ ( वस्तु धर्म-भाव या अभाव ) का बोध कराता है , अत : एक साथ दोनों विवक्षाओं के होने पर वस्तु को कह न सकने से वह अवक्तव्य ही है।