अव्ययीभाव समास का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अव्ययीभाव समास की पहचान - इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास लगाने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है।
- अव्ययीभाव समास की पहचान - इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास लगाने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है।
- कुछ अन्य उदाहरण- आजीवन - जीवन-भर , यथासामर्थ्य - सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार, यथाविधि विधि के अनुसार यथाक्रम - क्रम के अनुसार, भरपेट पेट भरकर हररोज़ - रोज़-रोज़, हाथोंहाथ - हाथ ही हाथ में रातोंरात - रात ही रात में, प्रतिदिन - प्रत्येक दिन बेशक - शक के बिना, निडर - डर के बिना निस्संदेह - संदेह के बिना, हरसाल - हरेक साल अव्ययीभाव समास की पहचान- इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास होने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है।
- अव्ययीभाव समास उदाहरण- आजीवन - जीवन-भर , यथासामर्थ्य - सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार , यथाविधि विधि के अनुसार यथाक्रम - क्रम के अनुसार , भरपेट पेट भरकर हररोज़ - रोज़-रोज़ , हाथोंहाथ - हाथ ही हाथ में रातोंरात - रात ही रात में , प्रतिदिन - प्रत्येक दिन बेशक - शक के बिना , निडर - डर के बिना निस्संदेह - संदेह के बिना , हरसाल - हरेक साल अव्ययीभाव समास की पहचान- इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास होने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है।
- अव्ययीभाव समास उदाहरण- आजीवन - जीवन-भर , यथासामर्थ्य - सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार , यथाविधि विधि के अनुसार यथाक्रम - क्रम के अनुसार , भरपेट पेट भरकर हररोज़ - रोज़-रोज़ , हाथोंहाथ - हाथ ही हाथ में रातोंरात - रात ही रात में , प्रतिदिन - प्रत्येक दिन बेशक - शक के बिना , निडर - डर के बिना निस्संदेह - संदेह के बिना , हरसाल - हरेक साल अव्ययीभाव समास की पहचान- इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास होने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है।