अशुचि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- के दस दिन पूरे होने तक ही ब्राह्मण अशुचि रहता हैं।
- वर्तें अशुचि नर मोह वश , होकर असत् आग्रह किए || १६. १० ||
- अपनी अशुचि अवस्था को सूचित करने के लिए भी यह कृत्य उपयुक्त सिद्ध होता है .
- धार्मिक लोगों ने शरीर को क्षणभंगुर ही नहीं , निस्सार और अशुचि बताया है .
- में दस दिन तक अशुचि रहता हैं , क्षत्रिय बारह दिन तक, वैश्य पन्द्रह दिन तक
- जो कुछ अशुभ - अशुचि है , धुल - पुँछकर एकदम साफ हो जाता है ...
- अपनी अशुचि अवस्था को सूचित करने के लिए भी यह कृत्य उपयुक्त सिद्ध होता है .
- लेने से ब्राह्मण दस दिन तक अशुचि रहता और यदि जन्म या मरण के दस दिन के
- मनुष्य सहित पशु-पक्षियों के अशुचि द्वार से निकला कोई भी पदार्थ अखाद्य है ऐसा उनका आशय था।
- अशुचि भावना का अर्थ है रुधिर , वीर्य आदि से उत्पन्न यह शरीर मल मूत्र आदि से भरा हुआ है।