असंशय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेवैष्यस्यसंशयम् अगर आप मुझे अपना मन और बुद्धि दे देंगे तो आप असंशय रूप से , बिना किसी शक के मुझे प्राप्त कर सकेंगे .
- क्योंकि विचार कैसे असंशय हो जाएगा ? कितना ही सोचो और मानो और समझो , और सब तरह समझा लो अपने को कि ईश्वर है ;
- धर्म अर्थ ( धन ) काम आदि तो छोटे हैं , उन ब्रह्म परमेश्वर का आश्रय ले कर आप असंशय ही महान फल भी प्राप्त कर लेंगें ।
- पहले दो सवालों से मुझे लगा कि व्यवस्था पे बात होगी ? राजनेताओं , नौकरशाही और पूंजीवादियों के घालमेल पर भी लेकिन यहाँ तो अविष्कारों और तकनीकी विकास के प्रभावों / दुष्प्रभावों संशय और असंशय पे चर्चा चल निकली है !
- शरीर संसार जड़ से पूर्ण हो सकता नहीं जड़ सत्य व ज्ञान के वाहक नहीं क्रिया और पदार्थ कार्य हैं प्रकृति के निज स्वरूप में स्थित असंशय हो शरीर और संसार से कामना सदैव सुख की जीव की सत-चित आनन्द की पूर्ण होगी तभी संसार की कोई वस्तु नहीं अपनी साथ-सदैव फिर कैसे रहेगी अपने हैं परमेश्वर परमात्मा दूरी फिर कहां कैसे रहेगी।