अस्थि-सुषिरता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कई मनोविकार रोधी औषधियां प्रोलैक्टिन की अधिकता उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं जो जनन ग्रंथि अल्पक्रियता प्रेरित अस्थि-सुषिरता , अतिस्तन्यस्रवण, पुरुषों में असाधारण स्तन वृद्धि, अनियमित मासिक धर्म एवं यौन रोग उत्पन्न कर सकते हैं.
- जो एक शाकाहारी के लिए ह्रदय रोग , उच्च रक्तचाप , मधुमेह टाइप 2 , गुर्दे की बीमारी , अस्थि-सुषिरता ( ऑस्टियोपोरोसिस ) , मनोभ्रंश ( अल्जाइमर ) आदि बीमारियों की सम्भावनाएँ बहुत ही कम कर देते हैं।
- जो एक शाकाहारी के लिए ह्रदय रोग , उच्च रक्तचाप , मधुमेह टाइप 2 , गुर्दे की बीमारी , अस्थि-सुषिरता ( ऑस्टियोपोरोसिस ) , मनोभ्रंश ( अल्जाइमर ) आदि बीमारियों की सम्भावनाएँ बहुत ही कम कर देते हैं।
- इसके अलावा , रोगियों में और भी विभिन्न प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं, जैसे कि धकधकी और अतालता (अराइथमियास) (विशेष रूप से अलिन्दी तंतुविकसन), श्वास कष्ट (डिस्प्निया), कामेच्छा में कमी, मिचली, उल्टी, और दस्त.[कृपया उद्धरण जोड़ें ] दीर्घकालिक अनुपचारित अतिगलग्रंथिता से अस्थि-सुषिरता (ऑस्टियोपोरोसिस) हो सकती है.
- परिणाम स्वरूप व्यक्ति , मनोभ्रंश (अल्जाइमर), गॉल्ब्लैडर की पथरी (गॉलस्टॉन), मधुमेह (डायबिटीज टाइप-2) , अस्थि-सुषिरता (ऑस्टियोपोरोसिस), संधिवात (आस्टियो आर्थराइटिस), उदर समस्या (लीवर प्रॉबलम), गुर्दे की समस्या (किड़नी प्रॉबलम), मोटापा, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, दंतक्षय (डेन्टल कैवेटिज), आंतो का केन्सर, कब्ज कोलाइटिस, बवासीर जैसी बिमारियों से काफी हद तक बचा रहता है।
- परिणाम स्वरूप व्यक्ति , मनोभ्रंश (अल्जाइमर), गॉल्ब्लैडर की पथरी (गॉलस्टॉन), मधुमेह (डायबिटीज टाइप-2) , अस्थि-सुषिरता (ऑस्टियोपोरोसिस), संधिवात (आस्टियो आर्थराइटिस), उदर समस्या (लीवर प्रॉबलम), गुर्दे की समस्या (किड़नी प्रॉबलम), मोटापा, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, दंतक्षय (डेन्टल कैवेटिज), आंतो का केन्सर, कब्ज कोलाइटिस, बवासीर जैसी बिमारियों से काफी हद तक बचा रहता है।
- परिणाम स्वरूप व्यक्ति , मनोभ्रंश ( अल्जाइमर ) , गॉल्ब्लैडर की पथरी ( गॉलस्टॉन ) , मधुमेह ( डायबिटीज टाइप- 2 ) , अस्थि-सुषिरता ( ऑस्टियोपोरोसिस ) , संधिवात ( आस्टियो आर्थराइटिस ) , उदर समस्या ( लीवर प्रॉबलम ) , गुर्दे की समस्या ( किड़नी प्रॉबलम ) , मोटापा , ह्रदय रोग , उच्च रक्तचाप , दंतक्षय ( डेन्टल कैवेटिज ) , आंतो का केन्सर , कब्ज कोलाइटिस , बवासीर जैसी बिमारियों से काफी हद तक बचा रहता है।
- परिणाम स्वरूप व्यक्ति , मनोभ्रंश ( अल्जाइमर ) , गॉल्ब्लैडर की पथरी ( गॉलस्टॉन ) , मधुमेह ( डायबिटीज टाइप- 2 ) , अस्थि-सुषिरता ( ऑस्टियोपोरोसिस ) , संधिवात ( आस्टियो आर्थराइटिस ) , उदर समस्या ( लीवर प्रॉबलम ) , गुर्दे की समस्या ( किड़नी प्रॉबलम ) , मोटापा , ह्रदय रोग , उच्च रक्तचाप , दंतक्षय ( डेन्टल कैवेटिज ) , आंतो का केन्सर , कब्ज कोलाइटिस , बवासीर जैसी बिमारियों से काफी हद तक बचा रहता है।