आक़बत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस्लामी तालीम मुसलमानों को कभी खुश हाल होने ही न देगी , इनकी खुश हाली तो इनका फरेबी आक़बत है जो उस दुन्या में धरा है।
- इस्लाम पर ईमान लाने का मतलब है एक अनदेखे और पुर फरेब आक़बत से ख़ुद को जोड़ लेना . अपनी मौजूदा दुन्या को तबाह कर लेना .
- बड़ा है दर्द का रिश्तः ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसुसार चले जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शबे-हिज्राँ हमारे अश्क तिरी आक़बत सवार चले
- बगैर दूर अनदेशी के जवाब तो आपके पास हर सवाल के होंगे मगर हकीकत में आप के पास कोई मअक़ूल जवाब नहीं , अलावः शर्मसार होने के, क्यूँकि आपको मुहम्मदी अल्लाह ने गुमराह कर रखा है कि यह दुन्या फ़ानी है और आक़बत की ज़िदगी लाफ़ानी.
- बगैर दूर अनदेशी के जवाब तो आपके पास हर सवाल के होंगे मगर हकीकत में आप के पास कोई मअक़ूल जवाब नहीं , अलावः शर्मसार होने के , क्यूँकि आपको मुहम्मदी अल्लाह ने गुमराह कर रखा है कि यह दुन्या फ़ानी है और आक़बत की ज़िदगी लाफ़ानी .
- अगर ऐसा है तो हमारी आक़बत बख़ैर है और हमें निजात की उम्मीद रखना चाहिये और अगर ऐसा नहीं है तो हमें इस दारे इबरत में गुज़िष्ता लोगों के हालात से इबरत हासिल करनी चाहिये और अब से इस्लाह दुनिया व आखि़रत के अमल में लग जाना चाहिये।
- 12 सितम् बर 1999 की अपनी डायरी में वसीम को प्रेम करने वाली यास् मीन नोट करती है कि आक़बत ( मरने के बाद की दुनिया ) और मगफ़रित ( मौत के बाद कयामत के दिन होने वाले इम्तिहान ) के नाम पर जिन् दा लोगों को बम में बदला जा रहा है .
- अगर सब यह जान लें कि इस वक् त का सच यही जीवन है और वे आक़बत ( मरने के बाद की दुनिया ) और मगफ़रित ( मौत के बाद कयामत के दिन होने वाले इम् तहान ) से किसी तरह मुक् त हो सकें तो उम् मीद बचती है कि दुनिया कुछ रहने लायक हो सकेगी .
- बहरहाल मसल इन्तेहाई अहम है के इन्सान को अपनी आक़बत के लिये जो कुछ करना है वह अपनी ज़िन्दगी में करना है , मरने के बाद दूसरों से उम्मीद लगाना एक वसवसए ‘ ौतानी है और कुछ नहीं है , फिर माल भी परवरदिगार ने दिया है तो उसका फ़ैसला भी ख़ुद ही करना है , चाहे ज़िन्दगी में सर्फ़ कर दे या उसके मसरफ़ का तअय्युन कर दे वरना फ़ायदा दूसरे अफ़राद उठाएंगे और वबाल उसे बरदाश्त करना पड़ेगा।