आचारहीन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहाँ के लोग इन आचारहीन विदेशियों को नीच , अछूत और म्लेच्छ मानते थे।
- वशिष्ठ स्मृति में कहा गया है कि आचारहीन को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते।
- ` आचारहीन मनुष्य संसार में निन्दित होता हैं और परलोक में भी सुख नहीं पाता।
- आचारहीन पुरुष यदि पवित्रात्मा भी हो तो उसका परलोक और इहलोक दोनों नष्ट हो जाते हैं।
- ब्राह्मैर्यौनैश्च सम्बन्धौ : संयोगं पतितैर्गत : ॥ 157 ॥ हस्तिगोश्वोष्ट्रदमको नक्षत्रौर्यश्चजीवति॥ 162 ॥ आचारहीन : क्लीवश्च नित्यं याचनकस्तथा।
- “ आचारहिनं न पुनन्तिवेदा : ” अर्थात आचारहीन अथवा दुराचारी व्यक्ति को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते।
- कलियुग के धर्म-कर्महीन तथा आचारहीन मनुष्यों के कल्याण के लिए ही श्री व्यासजी ने पुराण-अमृत की सृष्टि की थी।
- कलियुग के धर्म-कर्महीन तथा आचारहीन मनुष्यों के कल्याण के लिए ही श्री व्यासजी ने पुराण-अमृत की सृष्टि की थी।
- कलियुग के धर्म-कर्महीन तथा आचारहीन मनुष्यों के कल्याण के लिए ही श्री व्यासजी ने पुराण-अमृत की सृष्टि की थी।
- 5-8 ) , क्योंकि यवनों के प्रभाव के कारण शुद्धाचार की दृष्टि से उस युग में यह नितांत आचारहीन बन गया था।