आथर्वण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दध्यंग आथर्वण का आख्यान ( ऋ. 1।116।123; शतपथ 14।4।5।13; बृहदारण्यक 2।5; भागवत पुराण 6।10) राष्ट्र के मंगल के लिए अपने जीवनदान की शिक्षा देकर हमें क्षुद्र स्वार्थ से ऊपर उठने का और राष्ट्र का कल्याण करने का गौरवमय उपदेश देता है।
- दध्यंग आथर्वण का आख्यान ( ऋ. 1।116।123; शतपथ 14।4।5।13; बृहदारण्यक 2।5; भागवत पुराण 6।10) राष्ट्र के मंगल के लिए अपने जीवनदान की शिक्षा देकर हमें क्षुद्र स्वार्थ से ऊपर उठने का और राष्ट्र का कल्याण करने का गौरवमय उपदेश देता है।
- महामहोपाध्याय डॉ पांडुरंग वामन काणे धर्मशास्त्र का इतिहास में आथर्वण ज्योतिष ( आथर्वण यानी अथर्ववेद के ज्ञाता ज्योतिषी) के हवाले से लिखते हैं कि अगर व्यक्ति सफलता चाहता है तो उसे तिथि, नक्षत्र, करण एवं मुहूर्त पर विचार करके कर्म या कृत्य करना चाहिए।
- महामहोपाध्याय डॉ पांडुरंग वामन काणे धर्मशास्त्र का इतिहास में आथर्वण ज्योतिष ( आथर्वण यानी अथर्ववेद के ज्ञाता ज्योतिषी) के हवाले से लिखते हैं कि अगर व्यक्ति सफलता चाहता है तो उसे तिथि, नक्षत्र, करण एवं मुहूर्त पर विचार करके कर्म या कृत्य करना चाहिए।
- महामहोपाध्याय डॉ पांडुरंग वामन काणे धर्मशास्त्र का इतिहास में आथर्वण ज्योतिष ( आथर्वण यानी अथर्ववेद के ज्ञाता ज्योतिषी ) के हवाले से लिखते हैं कि अगर व्यक्ति सफलता चाहता है तो उसे तिथि , नक्षत्र , करण एवं मुहूर्त पर विचार करके कर्म या कृत्य करना चाहिए।
- महामहोपाध्याय डॉ पांडुरंग वामन काणे धर्मशास्त्र का इतिहास में आथर्वण ज्योतिष ( आथर्वण यानी अथर्ववेद के ज्ञाता ज्योतिषी ) के हवाले से लिखते हैं कि अगर व्यक्ति सफलता चाहता है तो उसे तिथि , नक्षत्र , करण एवं मुहूर्त पर विचार करके कर्म या कृत्य करना चाहिए।
- ( अनुशासन पर्व ; 18 / 40 - 45 ) इसी प्रकार के प्रसंग ‘ महाभारत ' के द्रोण पर्व ( 80 / 32 ) में उपलब्ध होते हैं , जहां स्वप्न में भगवान् कृष्ण और अर्जुन शिव जी से संबंधित ‘ अश्वशिर : तीर्थ ' तथा ‘ आथर्वण ' नामक स्थानों पर गए थे।