आपाततः का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आपाततः यह कहा जा सकता है कि बन्ध और मोक्ष प्रकृति के होते हैं , क्योंकि प्रकृति सङ्गसहित है ।
- यौवन केवल आपाततः जब तक विचार न किया जाय तभी तक रमणीय प्रतीत होता है , इसमें शुद्धचित्तता का सर्वथा अभाव रहता है।
- देखिये न ! विषवृक्ष देखने में बड़ा सुन्दर लगता है और आत्मीय जन भी आपाततः ( विचार के बिना ) सुन्दर प्रतीत होते हैं।
- प्रकृतेराञ्जस्यात् ससङ्गत्वात् पशुवत् ॥ 3 / 72 ॥ आपाततः प्रकृति के ( बन्ध और मोक्ष होते है ) ससंग होने से पशु के समान ॥ 3 / 72 ॥
- वासनाओं से पूर्ण होने के कारण आपाततः सरस मालूम पड़ने वाली लेकिन वास्तव में तो नीरस यहाँ स्थित स्त्रियाँ अतिदूरवर्तिनी यमपुरी में भीषण रूप से धधक रहीं नरकाग्नियों की उत्तम लकड़ियाँ हैं।।
- आपाततः वैरिरूप से ज्ञात हुए वेद का वाक्य विचार से तो नित्य निरतिशय आनन्द आत्मरूप परमपुरुषार्थ का अनुभव कराने वाला है , अतः अनुभवनिष्ठ हम लोगों में , वह सम्पूर्ण प्रमाणों में सर्वोत्तम है , यों समादृत है।
- जब ऐसी सहायता प्राप्त होती है तो आत्मा की उच्चतर शक्तियों और आपाततः अव्यक्त प्रतीत होने वाले भाव विकसित हो उठते हैं , आध्यात्मिक जीवन जाग्रत हो जाता है उसकी उन्नति वेगवान हो जाती है और अन्त में साधक पवित्र और सिद्ध हो जाता है ।
- यह ( दैव ) इस संसार में प्रतिदिन फल से भीषण ( भीषण क्लेश देने वाले ) आपाततः ( विचार के बिना ) भले प्रतीत होने वाले राग आदि से अत्यन्त व्याकुल चित्तावाले लोगों से पूर्ण एवं अन्त में कष्टरूपी फल देने के कारण जिनका उदय दूषित है , ऐसे नूतन-नूतन कार्य करता है।
- ब्रह्मन , आपाततः ( विचार के बिना ) भले प्रतीत होने वाले , भँवरे के पंखों की जड़ के समान चंचल और जिनसे मुक्त होना बड़ा कठिन है , ऐसे भोगों की , जन्म , मरण बुढ़ापा आदि के भय से , मुझे तनिक भी इच्छा नहीं है , मैं इनसे विरत होता हूँ और ऐसा प्रयत्न करूँगा जिससे कि मुझे परम पद प्राप्त हो जाये।।
- ब्रह्मन , आपाततः ( विचार के बिना ) भले प्रतीत होने वाले , भँवरे के पंखों की जड़ के समान चंचल और जिनसे मुक्त होना बड़ा कठिन है , ऐसे भोगों की , जन्म , मरण बुढ़ापा आदि के भय से , मुझे तनिक भी इच्छा नहीं है , मैं इनसे विरत होता हूँ और ऐसा प्रयत्न करूँगा जिससे कि मुझे परम पद प्राप्त हो जाये।।