आफताबी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- परी हूँ मैं” हाँ परी ही तो हूँ , हूँ पर अपने ही कुछ खयालो में घबराई सकुचाई तनहा हूँ ,किस्मत के अनसुलझे सवालों में ! आफताबी रेशम से बुनती हूँ ,लाखों सुनहरी झिलमिल ख्वाब रहती हूँ तारों में बसे आसमानी शहर के चाँद आशियाने में ! ना सोचो मैं हूँ कौन , कैसी
- परी हूँ मैं” हाँ परी ही तो हूँ , हूँ पर अपने ही कुछ खयालो में घबराई सकुचाई तनहा हूँ ,किस्मत के अनसुलझे सवालों में ! आफताबी रेशम से बुनती हूँ ,लाखों सुनहरी झिलमिल ख्वाब रहती हूँ तारों में बसे आसमानी शहर के चाँद आशियाने में ! ना सोचो मैं हूँ कौन , कैसी
- परी हूँ मैं” हाँ परी ही तो हूँ , हूँ पर अपने ही कुछ खयालो में घबराई सकुचाई तनहा हूँ ,किस्मत के अनसुलझे सवालों में ! आफताबी रेशम से बुनती हूँ ,लाखों सुनहरी झिलमिल ख्वाब रहती हूँ तारों में बसे आसमानी शहर के चाँद आशियाने में ! ना सोचो मैं हूँ कौन , कैसी
- परी हूँ मैं” हाँ परी ही तो हूँ , हूँ पर अपने ही कुछ खयालो में घबराई सकुचाई तनहा हूँ ,किस्मत के अनसुलझे सवालों में ! आफताबी रेशम से बुनती हूँ ,लाखों सुनहरी झिलमिल ख्वाब रहती हूँ तारों में बसे आसमानी शहर के चाँद आशियाने में ! ना सोचो मैं हूँ कौन , कैसी...
- परी हूँ मैं” हाँ परी ही तो हूँ , हूँ पर अपने ही कुछ खयालो में घबराई सकुचाई तनहा हूँ ,किस्मत के अनसुलझे सवालों में ! आफताबी रेशम से बुनती हूँ ,लाखों सुनहरी झिलमिल ख्वाब रहती हूँ तारों में बसे आसमानी शहर के चाँद आशियाने में ! ना सोचो मैं हूँ कौन , कैसी...
- - 2 सुना था खूब कईयों से कि ब्लॉगर रोशनी है समाँ बांधे है ज़ज्बा जोश होश औ ईलम का तालिबे इल्म जाहिल जो है गाफिल बेमुरौवत नसीहत कायदे है पेसे खिदमत दरबदर दम हरूफो में भरे जादू निगाहें आफताबी करारी चोट देगें उसको जो है बुत सितम का दे के तरजीह हिक़मत का ज़माने क़ी मिशालें फना तक़लीफ़ करने को सहारा ले कशम का .