आमखास का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मराठी ‘ हमखास ' की आमद , फ़ारसी के ‘ आमख़ास ' से हुई है और ‘ हमख़ास ' की जो भी अर्थछटाएँ हैं , वे ‘ आमखास ' की सामासिकता के विस्तार से ही उभर रही हैं।
- स्व . जोशी जी ने मीडिया के अंदर उपजे इस सोच के खिलाफ जब देश भर में मुहिम चला कर मीडिया की पोल खोलनी शुरू की थी, तो केवल मीडिया के अंदर ही भूचाल नहीं बल्कि मीडिया से जुडे आमखास लोग भी सकते में आ गय थे।
- ‘संस्कृति के चार अध्याय ' में हिन्दी भाषा के विकास पर श्री रामधारी सिंह दिनकर अकबर के दरबारी कवि गंगाधर उर्फ गंग कवि (1538-1625 ई.) के खड़ी बोली में लिखित “चंद छंद बरनन की महिमा” नामक एक पुस्तक के गद्यांश का उल्लेख करते हैं- “सिद्धि श्री 108 श्री श्री पातसाहिजी श्री दलपतिजी अकबरसाहजी आमखास में तखत ऊपर विराजमान हो रहे।
- ‘संस्कृति के चार अध्याय ' में हिन्दी भाषा के विकास पर श्री रामधारी सिंह दिनकर अकबर के दरबारी कवि गंगाधर उर्फ गंग कवि (1538-1625 ई.) के खड़ी बोली में लिखित “एक 'चंद छंद बरनन की महिमा” नामक एक गद्य पुस्तक के अंश का उल्लेख करते हैं- “सिद्धि श्री 108 श्री श्री पातसाहिजी श्री दलपतिजी अकबरसाहजी आमखास में तखत ऊपर विराजमान हो रहे।
- ‘सं स्कृति के चार अध्याय ' में हिन्दी भाषा के विकास पर श्री रामधारी सिंह दिनकर अकबर के दरबारी कवि गंगाधर उर्फ गंग कवि (1538-1625 ई.) के खड़ी बोली में लिखित “चंद छंद बरनन की महिमा” नामक एक पुस्तक के गद्यांश का उल्लेख करते हैं- “ सिद्धि श्री 108 श्री श्री पातसाहिजी श्री दलपतिजी अकबरसाहजी आमखास में तखत ऊपर विराजमान हो रहे।
- ‘ सं स्कृति के चार अध्याय ' में हिन्दी भाषा के विकास पर श्री रामधारी सिंह दिनकर अकबर के दरबारी कवि गंगाधर उर्फ गंग कवि ( 1538 - 1625 ई. ) के खड़ी बोली में लिखित “ चंद छंद बरनन की महिमा ” नामक एक पुस्तक के गद्यांश का उल्लेख करते हैं- “ सिद्धि श्री 108 श्री श्री पातसाहिजी श्री दलपतिजी अकबरसाहजी आमखास में तखत ऊपर विराजमान हो रहे।