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आर्यधर्म का अर्थ

आर्यधर्म अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. विश्व , एशिया,भारत और अब हिन्दुस्तान की सीमा में सिमट चुके इस देश के स्वतन्त्र विचारकों की स्वतन्त्रता भी तभी तक है जब तक सनातन वैदिक आर्यधर्म के अनुयायी जीवित हैं।
  2. विश्व , एशिया,भारत और अब हिन्दुस्तान की सीमा में सिमट चुके इस देश के स्वतन्त्र विचारकों की स्वतन्त्रता भी तभी तक है जब तक सनातन वैदिक आर्यधर्म के अनुयायी जीवित हैं।
  3. विश्व , एशिया , भारत और अब हिन्दुस्तान की सीमा में सिमट चुके इस देश के स्वतन्त्र विचारकों की स्वतन्त्रता भी तभी तक है जब तक सनातन वैदिक आर्यधर्म के अनुयायी जीवित हैं।
  4. परिणामस्वरूप तथाथित एवं आर्यधर्म नीति के अनुसार “नियोग” हेतु सर्वोत्कृष्ट प्रथम पात्र “ब्राह्मण” वेदव्यास द्वारा किये गये संभोग ( जो हकीकत में बलात्कार था) और उनके कथित उत्तम वीर्य से नपुंसक पाण्डू और अन्धे धृतराष्ट्र का जन्म हुआ.
  5. भक्ति के नाम पर ही वे वेदशास् त्रों की निंदा करते थे , पंडितों को गालियॉं देते थे और आर्यधर्म के सामाजिक तत् व को न समझकर लोगों में वर्णाश्रम धर्म के प्रति अश्रद्धा उत् पन् न कर रहे थे ।
  6. यह वह समय था जब सरस्वती और हषद्वती नदियों के बीच फैले आर्यावर्त में युद्ध और पुरु , भरत और तृत्सु , तर्वसु और अनु , द्रह्यू और जन्हू तथा भृगु जैसी आर्य जातियाँ निवसित थीं जहाँ वशिष्ठ , जमदग्नि , अंगिरा , गौतम और कण्डव आदि महापुरुषों के आश्रमों से गुंजरित दिव्य ऋचाएँ आर्यधर्म का संस्कार-संस्थापन कर रही थीं।
  7. प्रेमातुरभक्त उद्धव जी तो यहाँ तक कहते हैं कि जिन्होंने दुस्त्यज्य पति-पुत्र आदि सगे-सम्बन्धियों , आर्यधर्म और लोकलज्जा आदि सब कुछ का परित्याग कर श्रुतियों के अन्वेषणीय स्वयं-भगवान ब्रजेन्द्रनन्दन श्रीकृष्ण को भी अपने प्रेम से वशीभूत कर रखा है- मैं उन गोप-गोपियों की चरण-गोपियों की चरण-धूलि से अभिषिक्त होने के लिए इस वृन्दावन में गुल्म , लता आदि किसी भी रूप में जन्म प्राप्त करने पर अपना अहोभाग्य समझूँगा।
  8. प्रेमातुरभक्त उद्धव जी तो यहाँ तक कहते हैं कि जिन्होंने दुस्त्यज्य पति-पुत्र आदि सगे-सम्बन्धियों , आर्यधर्म और लोकलज्जा आदि सब कुछ का परित्याग कर श्रुतियों के अन्वेषणीय स्वयं-भगवान ब्रजेन्द्रनन्दन श्रीकृष्ण को भी अपने प्रेम से वशीभूत कर रखा है- मैं उन गोप-गोपियों की चरण-गोपियों की चरण-धूलि से अभिषिक्त होने के लिए इस वृन्दावन में गुल्म , लता आदि किसी भी रूप में जन्म प्राप्त करने पर अपना अहोभाग्य समझूँगा।
  9. जिसका अकाट्य प्रमाण है , महा भारत काल के सबसे कुरूप पुरुष और नाजायज माता-पिता की औलाद (जिसके माता-पिता, विवाहित पति-पत्नी नहीं, बल्कि आपस में कथित रूप से पिता-पुत्री थे) वेदव्यास को केवल ब्राह्मण ॠषी पाराशर का पुत्र होने के कारण विचित्रवीर्य की दो पत्नियों के साथ “नियोग” के बहाने गर्भाधान (बलात्कार) करने के लिये बुलाया गया| परिणामस्वरूप तथाथित एवं आर्यधर्म नीति के अनुसार “नियोग” हेतु सर्वोत्कृष्ट प्रथम पात्र “ब्राह्मण” वेदव्यास द्वारा किये गये संभोग (जो हकीकत में बलात्कार था) और उनके कथित उत्तम वीर्य से नपुंसक पाण्डू और अन्धे धृतराष्ट्र का जन्म हुआ|
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