आवर्जन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ब्रिटेन के आवर्जन मंत्रालय के मुताबिक , बड़ी संख्या में भारतीय गैर कानूनी रूप से वहां नौकरी के लिए जाते हैं।
- कृपया मलेशिया आने से पहले यहां के आवर्जन क़ानून के बारे मे किसी अधिकृत व्यक्ति से बिल्कुल सही जानकारी प्राप्त करें .
- तब यह लगता है कि वह चरित्र उस तरह से भी जब बात को रख रहा था , उसके बाद केवल आवर्जन करना ही , राजा को धन्यवाद से रोकना ही पर्याप्त होता।
- उसके भीतर के तने हुए आवर्जन शिथि ल हो आए और स्नेह-स्निग्ध उसने सुदर्शना के सिर को थपकते हुए कहा , ' सुदर्शना , तुम क्या न सोचती थी कि मैं तुम्हें याद करता हूँगा ? '
- ताज्जुब की बात तो यह है कि जब ये गरीब लोग विजटिंग वीजा लेकर परदेस जा रहे थे , तब हमारे आवर्जन अधिकारियों ने यह जानने की जहमत नहीं उठाई की आखिर जिनके पास खाने को नहीं है वे भला विदेश घूमने क्यों जा रहे हैं।
- 2 . वीसा जारी करने के मामले में अमरीका अत्यंत कठोर देश है , विशेष रूप से तीसरी दुनिया के नागरिकों को वीसा देने के बारे में , अमरीकी आवर्जन कानून की कड़ी शर्तें हैं जिन्हें अमरीका जाने के इच्छुक को पूरा करना होता है।
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने चार लोगों को अवैध आवर्जन मामले में राहत प्रदान करने से साफ इनकार कर दिया , जबकि इन लोगों ने नागरिकता साबित करने के पासपोर्ट ( बाद में निरस्त कर दिए गए ) , आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र कोर्ट में पेश किए थे।
- बढ़ते राजा का हाथ उठा करता आवर्जन , बोला :“श्रेय नहीं कुछ मेरा :मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य मेंवीणा के माध्यम से अपने को मैंनेसब कुछ को सौंप दिया था -सुना आपने जो वह मेरा नहीं,न वीणा का था :वह तो सब कुछ की तथता थीमहाशून्यवह महामौनअविभाज्य, अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेयजो शब्दहीनसबमें गाता है ।”नमस्कार कर मुड़ा प्रियंवद केशकम्बली।
- बढ़ते राजा का हाथ उठा करता आवर्जन , बोला : “श्रेय नहीं कुछ मेरा : मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में वीणा के माध्यम से अपने को मैंने सब कुछ को सौंप दिया था - सुना आपने जो वह मेरा नहीं, न वीणा का था : वह तो सब कुछ की तथता थी महाशून्य वह महामौन अविभाज्य, अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेय जो शब्दहीन सबमें गाता है ।”
- बढ़ते राजा का हाथ उठा करता आवर्जन , बोला : “श्रेय नहीं कुछ मेरा : मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में वीणा के माध्यम से अपने को मैंने सब कुछ को सौंप दिया था - सुना आपने जो वह मेरा नहीं, न वीणा का था : वह तो सब कुछ की तथता थी महाशून्य वह महामौन अविभाज्य, अनाप्त, अद्रवित, अप्रमेय जो शब्दहीन सबमें गाता है ।”