आस्ताँ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पिछली महफिल का सही शब्द था “ आस्ताँ ” और शेर कुछ यूँ था-
- झुका जहाँ भी अक़ीदत से सर कहीं मेरा , बना लिया है उसी दर को आस्ताँ अपना।
- दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं आस्ताँ नहीं बैठे हैं रहगुज़र पे हम ग़ैर हमें उठाये क्यूँ
- यह रहा आपका शेर : फिर क्यूँ तलाश करे कोई और आस्ताँ, वो खुशनसीब जिसको तेरा आस्ताँ मिले।
- यह रहा आपका शेर : फिर क्यूँ तलाश करे कोई और आस्ताँ, वो खुशनसीब जिसको तेरा आस्ताँ मिले।
- उस आस्ताँ तक हमको बहारों में ले के जाओ जिस पर कोई शहीद हुआ हो शबाब में !
- ( २) मै तेरे आस्ताँ के सामने से क्यों गुज़रूँ जब नहीं सीढियाँ , तू छत पे कैसे आएगी ।
- बना रहे बनारस : लिक्खा हुआ कुछ और मिला है किताब में उस आस्ताँ तक हमको बहारों में ले के जाओ
- ( शायर पता नहीं) मै तेरे आस्ताँ के सामने से क्यों गुज़रूँ जब नहीं सीढियाँ , तू छत पे कैसे आएगी।
- 08 : 34, 17 जून 2013 तेरी तलब थी तेरे आस्ताँ से लौट आए / खातिर ग़ज़नवी (इतिहास) [बाइट] सशुल्क योगदानकर्ता २ (वार्ता