इत्यादिक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हे मुनीश्वर ! जैसे प्रलयकाल में सब दुःख आकर स्थिर होते हैं वैसे ही काम , क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार , चपलता इत्यादिक सब दोष युवावस्था में आ स्थिर होते हैं जो सब बिजली की चमक से हैं , होके मिट जाते हैं ।
- जहाँ महाराज विजयनगर के तथा सरकार के स्थापित स्त्री-विद्यामंदिर , औषधालय , अंधभवन , उन्मत्तागा इत्यादिक लाकद्वयसाधक अनेक कीर्तिकर कार्य हैं वैसे ही चूड़वाले इत्यादि महाजनों का सदावत्र्त और श्री महाराजाधिराज सेंधिया आदि के अटल सत्रा से ऐसे अनेक दीनों के आश्रयभूत स्थान हैं जिनमें उनको अनायास भी भोजनाच्छादन मिलता है।
- ज्ञानरूप संवित् जो आत्मतत्त्व है उससे कुछ भिन्न नहीं , जब संकल्पकला फुरती है तब ‘ अहं ' ‘ त्वं ' इत्यादिक कलना से वही रूप हो जाता है और जब आत्मा और प्राण का फुरना इकट्ठा होता है अर्थात् प्राणों से चेतन संवित् मिलता है तब उसका नाम जीव होता है ।
- ज्ञानरूप संवित् जो आत्मतत्त्व है उससे कुछ भिन्न नहीं , जब संकल्पकला फुरती है तब ‘ अहं ' ‘ त्वं ' इत्यादिक कलना से वही रूप हो जाता है और जब आत्मा और प्राण का फुरना इकट्ठा होता है अर्थात् प्राणों से चेतन संवित् मिलता है तब उसका नाम जीव होता है ।
- जैसे मूल संहिता और उससे सम्बन्धिात ब्राह्मण ग्रन्थ दोनों ही वेद माने जाते हैं , और जैसे प्राचीन मनु इत्यादिक धार्मशास्त्रा और उससे सम्बध्द आधाुनिक अन्धाकार का ग्रन्थ , दोनों ही स्मृति कहकर गृहीत होते हैं , उसी प्रकार बौध्द साहित्य में पहले त्रिापिटक , उसके उपरांत अर्थ-कथा और तदनन्तर उससे सम्बध्द अपर ग्रन्थ समूह ' पाली ' नाम से प्रसिध्द हुए किन्तु जिन ग्रन्थों के साथ ' पाली ' ( त्रिापिटक आदिक ) का कोई सम्बन्धा नहीं था , उस समय वे पाली नाम से अभिहित नहीं हुए।