इनायती का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस मौकेपर अजहर इनायती , डा. मेहदी हसन, मुजतबा आबदी, कमर खां, प्रोफेसर हसन अहमद निजामी, मुहीउद्दीन अदीब, सुल्तान खां, महापारा बेगम, सआदत उल्ला खां, अनोनो महमूद, बाबूशाह अली खां, ताहिर अंजुम, नजमा मबरूर मौजूद रहे।
- यही नही की सदाए लगा के देखते है कुए में कौन है पत्थर हटा के देखते है गुलाम अब न हवेली से आयेगे लेकिन हुजुर अब भी ताली बजा के देखते है अजाफा होता है कितना हमारी इज्ज़त में रईस - ऐ - शहर को घर पर बुला कर देखते है अजहर इनायती . ..
- यही नही की सदाए लगा के देखते है कुए में कौन है पत्थर हटा के देखते है गुलाम अब न हवेली से आयेगे लेकिन हुजुर अब भी ताली बजा के देखते है अजाफा होता है कितना हमारी इज्ज़त में रईस - ऐ - शहर को घर पर बुला कर देखते है अजहर इनायती
- वजूद चलते रहना तेरी फितरत में है ये जानती हूँ मैं जानम कबसे फिर भी साया बन चल पड़ती हूँ तेरी बेरुखी की धूप के पीछे पीछे तपिश में झुलस कर रुसवाईयो की तेरी बे इनायती से बेजार हो रही हूँ दिल-ऐ-बेदर्द से शिकवा कर के देखो टूटे अरमानो का बाज़ार बन गयी हूँ कभी [ ...]
- अजहर इनायती यही नही की सदाए लगा के देखते है यही नही की सदाए लगा के देखते है कुए में कौन है पत्थर हटा के देखते है गुलाम अब न हवेली से आयेगे लेकिन हुजुर अब भी ताली बजा के देखते है अजाफा होता है कितना हमारी इज्ज़त में रईस -ऐ -शहर को घर पर बुला कर देखते है
- वजूद वजूद चलते रहना तेरी फितरत में है ये जानती हूँ मैं जानम कबसे फिर भी साया बन चल पड़ती हूँ तेरी बेरुखी की धूप के पीछे पीछे तपिश में झुलस कर रुसवाईयो की तेरी बे इनायती से बेजार हो रही हूँ दिल-ऐ-बेदर्द से शिकवा कर के देखो टूटे अरमानो का बाज़ार बन गयी हूँ कभी [ ...] कविता इंड़ी ब्लागर हिन्दी