ईशोपनिषद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिसे हम ईशोपनिषद कहते हैं वह वास्तव में यजुर्वेद का चालीसवां
- ईशोपनिषद केवल भौतिक या केवल अध्यात्मिक उन्नति को हतोत्साहित करता है .
- ईशोपनिषद केवल भौतिक या केवल अध्यात्मिक उन्नति को हतोत्साहित करता है .
- ईशोपनिषद का मन्त्र है … “ मा गृध कस्विद्धनम ” … .
- ईशोपनिषद में ही अतिशय ज्ञानियों को तो और भी दुत्कारा गया है . ....
- क्यों न ईशोपनिषद के त्याग के साथ भोग के इस आह्वान को गले लगाएं-
- इस कविता को पढ़ते हुए मुझे ईशोपनिषद का एक श्लोक याद आता है- यस्तु
- कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविशेच्छतम समाः एवं त्वयि नन्यथेतोस्ति न कर्म लिप्यते नरे ” ~ ईशोपनिषद
- ईशोपनिषद का उपरोक्त श्लोक भी उस पोस्ट की वजह से ही याद आया था।
- ईशोपनिषद का उपरोक्त श्लोक भी उस पोस्ट की वजह से ही याद आया था।