उजेरा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कई न रोके कोई न टोके , कोई न मुझको कैद करे ॥ अब शोर मचाये मन मेरा , किसी और दिखा दे मुझे उजेरा ।
- कोई न रोके कोई न टोके , कोई न मुझको कैद करे ॥ अब शोर मचाये मन मेरा , किसी और दिखा दे मुझे उजेरा ।
- कोई न रोके कोई न टोके , कोई न मुझको कैद करे ॥ अब शोर मचाये मन मेरा , किसी और दिखा दे मुझे उजेरा ।
- बीत जाती रात हो जाता सबेरा , पर नयन-पंछी नहीं लेते बसेरा, बन्द पंखों में किए आकाश-धरती खोजते फिरते अँधरे का उजेरा, पंख थकते, प्राण थकते, रात थकती खोजने की चाह पर थकती न मन की।
- कबीर कहते हैं : सूरज के प्रकाश से , सोजरे से अन्धकार मिट जाता है , उजेरा उसका स्थान ले लेता वैसे ही गुरु ज्ञान से अज्ञान नष्ट हो जाता है प्रज्ञा उसका स्थान ले लेती है।
- कबीर कहते हैं : सूरज के प्रकाश से , सोजरे से अन्धकार मिट जाता है , उजेरा उसका स्थान ले लेता वैसे ही गुरु ज्ञान से अज्ञान नष्ट हो जाता है प्रज्ञा उसका स्थान ले लेती है।
- हाँ हूँ तो पर सूर्य से निर्मित हूँ यूं ही कुछ मिले जवाब चाँद से तो कुछ तारों से दिये की लौ से तो जगमगाते जुगनुओं से यानि कि जहां भी उजेरा था या रोशनी का बसेरा था नहीं था
- बीत जाती रात हो जाता सबेरा , पर नयन-पंछी नहीं लेते बसेरा , बन्द पंखों में किए आकाश-धरती खोजते फिरते अँधरे का उजेरा , पंख थकते , प्राण थकते , रात थकती खोजने की चाह पर थकती न मन की।
- मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ़ जग में , नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा, उतर क्यों न आएँ नखत सब नयन के, नहीं कर सकेंगे हृदय में उजेरा, कटेगे तभी यह अँधेरे घिरे अब स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए
- मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ़ जग में , नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा, उतर क्यों न आएँ नखत सब नयन के, नहीं कर सकेंगे हृदय में उजेरा, कटेगे तभी यह अँधेरे घिरे अब स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए