उद्भिज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- समस्त संसार के कारण आकर भी पिंडज , अंडज , स्वेदज , उद्भिज चार हैं।
- मरु जो दूसरे चरण का रूपक था अब हमें ये जीवाश्म और शिलित उद्भिज दे
- अर्थात् स्वेदज , उद्भिज, अन्डज, जरायुज क्रमशः एक के बाद दूसरी कक्षा की योग्यता और शक्ति बढ़ती जाती है.
- अर्थात् स्वेदज , उद्भिज, अन्डज, जरायुज क्रमशः एक के बाद दूसरी कक्षा की योग्यता और शक्ति बढ़ती जाती है.
- आप स्वदेज , अंडज, उद्भिज और जरायुज चारों प्रकार के जीवों के उत्पन्न, पालन तथा नाश करने वाले हैं।
- जीवन के सभी रूपों यथा देवता , जरायुज , अण्डज , स्वेदज और उद्भिज का आधार इन्हीं सूर्यदेव में है।
- इन पदार्थों से निर्जीव पदार्थों की ही उत्पत्ति नहीं हुई है बल्कि उद्भिज आदि सजीव द्रव्य भी इन्हीं से उत्पन्न हुए हैं।
- अर्थात् स्वेदज , उद्भिज , अण्डज , जरायुज क्रमशः एक के बाद दूसरी कक्षा की योग्यता और शक्ति बढ़ती जाती है ।।
- अर्थात् स्वेदज , उद्भिज , अण्डज , जरायुज क्रमशः एक के बाद दूसरी कक्षा की योग्यता और शक्ति बढ़ती जाती है ।।
- कम पानी में , मात्र थोड़ी नमी वाली जमीन में उपजने वाला मकई की समकालीन इस उद्भिज को कम ही लोग जानते-पहचानते हैं।