उल्कामुख का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कनकपुर के राजा उल्कामुख ने मुझे बताया है कि श्री सत्यनारायण भगवान् का व्रत करने और उनकी कथा सुनने से सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं।
- उल्कामुख नाम के महाराज इस व्रत के पुण्य से राजा दशरथ बने और श्री रंगनाथ का पूजन कर मृत्यु के बाद बैकुंठलोक को प्राप्त हुए ।
- कथा में शतानंद ब्रह्मण , लकड़हारा , उल्कामुख राजा , साधु वणिक् और तुग्ध्वज राजा का दृष्टांत देकर हमें सत्यव्रत के पालन की प्रेरणा दी गयी है।
- कथा में शतानंद ब्रह्मण , लकड़हारा , उल्कामुख राजा , साधु वणिक् और तुग्ध्वज राजा का दृष्टांत देकर हमें सत्यव्रत के पालन की प्रेरणा दी गयी है।
- कथा में शतानंद ब्राह्मण , लकड़हारा , उल्कामुख राजा , साधु वणिक् और तुंध्वज राजा का दृष्टांत देकर हमें सत्यव्रत के पालन की प्रेरणा दी गई है।
- कथा में शतानंद ब्राह्मण , लकड़हारा , उल्कामुख राजा , साधु वणिक् और तुंध्वज राजा का दृष्टांत देकर हमें सत्यव्रत के पालन की प्रेरणा दी गई है।
- अधिकांश कथाओं के अंतर्गत उपकथा का समावेश होता है जैसे सत्यनारायण व्रत कथा में शौनकादिक ऋषियों , लकड़हारा , राजा उल्कामुख , व्यापारी , कलावती आदि ने कथा सुनी या कही।
- कृपया आप मुझे भी बताइए। ' महाराज उल्कामुख ने कहा- 'हे साधु वैश्य! मैं अपने बंधु-बांधवों के साथ पुत्रादि की प्राप्ति के लिए महाशक्तिमान सत्यनारायण भगवान का व्रत व पूजन कर रहा हूँ।
- कृपया आप मुझे भी बताइए। ' महाराज उल्कामुख ने कहा- 'हे साधु वैश्य! मैं अपने बंधु-बांधवों के साथ पुत्रादि की प्राप्ति के लिए महाशक्तिमान सत्यनारायण भगवान का व्रत व पूजन कर रहा हूँ।
- कृपया आप यह मुझे भी बताइए . महाराज उल्कामुख ने कहा- हे साधु वैश्य ! मैं अपने बंधु-बांधवों के साथ पुत्रादि की प्राप्ति के लिए त्यनारायण भगवान का व्रत व पूजन कर रहा हूं .