ऊर्ध्वरेता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भाई जी ! बाल बच्चेदार आदमी हूँ . उत्कृष्ट तपोनिष्ठ ऊर्ध्वरेता परम ज्ञानी बना देगें तों मेरे ही परिवार का कोई सदस्य जीविकोपार्जन में अक्षम जान कर गृह निकाला दे देगा .
- मा हासिषु ) हमें मत छोडें .(अमर्त्या:) अविनाशी देवगण (मर्त्यान् न) हम मरण्धर्मा लोगों को (अभिसचध्वं) अनुगृहीत करो, (न: प्रतरं आयु:) हमारी दीर्घायु को (जीवसेधत्त) जीवन के लिय समर्थ करें( इसी संदर्भ में “ शुक्रमुच्चरित ” द्वारा ऊर्ध्वरेता का भी महत्व बनता है शरीरस्थ सप्तृषि:
- इस से निरोगी काया के साथ हम अपने शरीर को समय से पूर्व जीर्ण होने से बचाते हैं . इस संदर्भ मे बाह्य प्राणायाम और अश्विनी कृया का शरीर से विषाणुओं का विसर्जन और ऊर्ध्वरेता की प्रक्रिया का यहां केवल संकेत मात्र ही प्रयाप्त रहेगा .
- ऐक्ष्वाकु बृहद्रथ ने विरक्त हो अपने ज्येष्ठ पुत्र को राज्य देकर वन में घोर तपस्या करने के पश्चात् परम तेजस्वी शाकायन्य से आत्मान की जिज्ञासा की , जिसपर उन्होंने बतलाया कि ब्रह्मविद्या उन्हें भगवान् मैत्रेय से मिली थी और ऊर्ध्वरेता बालखिल्यों को प्रदान कर प्रजापति ने इसे सर्वप्रथम प्रवर्तित किया।
- ऐक्ष्वाकु बृहद्रथ ने विरक्त हो अपने ज्येष्ठ पुत्र को राज्य देकर वन में घोर तपस्या करने के पश्चात् परम तेजस्वी शाकायन्य से आत्मान की जिज्ञासा की , जिसपर उन्होंने बतलाया कि ब्रह्मविद्या उन्हें भगवान् मैत्रेय से मिली थी और ऊर्ध्वरेता बालखिल्यों को प्रदान कर प्रजापति ने इसे सर्वप्रथम प्रवर्तित किया।
- कलियुग के प्रारम्भ में जब वे शास्त्र दुर्गम होने लगे और सिमट कर कलापि ग्राम में रह गये अन्यत्र उच्छिन्न हो गये तब कैलास पर्वत पर घूमते हुए भगवान् श्रीकण्ठनाथ ने अनुग्रह के लिये अपने को पृथिवी पर अवतीर्ण किया और ऊर्ध्वरेता दुर्वाशा को आज्ञा दी कि यह शास्त्र उच्छिन्ना न हो इसलिये रहस्य शास्त्र का वैसा प्रचार करो।