ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और यदि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप को भी गौर से देखा जाए तो शायद उस में आप शिव के तथाकथित वाहन नंदी बैल का केवल सर भी देख पाएं ) ...
- दोनों अमरीकी महाद्वीपों और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के मूल निवासियों को नष्ट करके वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे की लालसा ही यूरोपीय गोरे लोगों को वहाँ खींच लाई ।
- दोनों अमरीकी महाद्वीपों और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के मूल निवासियों को नष्ट करके वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे की लालसा ही यूरोपीय गोरे लोगों को वहाँ खींच लाई ।
- योरप व ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप द्वारा पुरुष वर्ग में क्रमशः 7 व 2 तथा महिला हॉकी में 2 व 3 ओलिम्पिक स्वर्ण पदक जीतने से हॉकी वहाँ एक प्रमुख खेल है।
- श्रीमती अग्रवाल ने बताया कि अब वह अक्टूबर के मध्य में इंडोनेशिया स्थित ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की उच्चतम चोटी कार्सेंस्ज पिरामिड ( 18023 फुट ) पर चढ़ेंगी और दिसंबर के मध्य में अंटार्कटिका स्थित माउंड विंसन ( 16067 फुट ) को फतह करेंगी।
- और इसे संयोग कहें कि डिजाइन , कि दक्षिणी गोलार्ध में अवस्थित गौर से ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप को देखें तो यह एक बैल ( नंदी ? ) का सर समान दीखता है ! अर्थात शिव का वाहन ? वो ' शराबी ' , सोमरस पान करने वाला भूतनाथ ??? पर्थ की पिच पर भी खेल से पहली रात को बीयर पीने वाले उसके भूत ही रहे होंगे : )
- 19वीं शताब्दी में मानव-जाति के विज्ञान को कुछ विद्वानों द्वारा वैज्ञानिक नस्लवादी प्रवृति के प्रतीक के तौर पर दिखलाया जाता है , “आर्य वंशियों” को भारोपीय जाति के उप-समूह के रूप में देखा जाता है जो मूल रूप से भारतीय - यूरोपीय भाषा के बोलने वाले थे, जिनके वंशज पुर्तगाली,भारतीय और यूरोपीय थे, जो यूरोप, एशियाई रूस, एंग्लो-अमेरिका, दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, न्यूजीलैंड, आर्मेनिया, ग्रेटर ईरान और उत्तरी भारत, (जिसे आज पाकिस्तान और बंगलादेश कहा जाता है), और दक्षिणी एशिया के नेपाल, श्रीलंका और मालद्वीप में रहते थे.
- 19वीं शताब्दी में मानव-जाति के विज्ञान को कुछ विद्वानों द्वारा वैज्ञानिक नस्लवादी प्रवृति के प्रतीक के तौर पर दिखलाया जाता है , “आर्य वंशियों” को भारोपीय जाति के उप-समूह के रूप में देखा जाता है जो मूल रूप से भारतीय - यूरोपीय भाषा के बोलने वाले थे, जिनके वंशज पुर्तगाली,भारतीय और यूरोपीय थे, जो यूरोप, एशियाई रूस, एंग्लो-अमेरिका, दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, न्यूजीलैंड, आर्मेनिया, ग्रेटर ईरान और उत्तरी भारत, (जिसे आज पाकिस्तान और बंगलादेश कहा जाता है), और दक्षिणी एशिया के नेपाल, श्रीलंका और मालद्वीप में रहते थे.
- 19वीं शताब्दी में मानव-जाति के विज्ञान को कुछ विद्वानों द्वारा वैज्ञानिक नस्लवादी प्रवृति के प्रतीक के तौर पर दिखलाया जाता है , “आर्य वंशियों” को भारोपीय जाति के उप-समूह के रूप में देखा जाता है जो मूल रूप से भारतीय - यूरोपीय भाषा के बोलने वाले थे, जिनके वंशज पुर्तगाली,भारतीय और यूरोपीय थे, जो यूरोप, एशियाई रूस, एंग्लो-अमेरिका, दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, न्यूजीलैंड , आर्मेनिया , ग्रेटर ईरान और उत्तरी भारत , (जिसे आज पाकिस्तान और बंगलादेश कहा जाता है), और दक्षिणी एशिया के नेपाल , श्रीलंका और मालद्वीप में रहते थे.
- 19वीं शताब्दी में मानव-जाति के विज्ञान को कुछ विद्वानों द्वारा वैज्ञानिक नस्लवादी प्रवृति के प्रतीक के तौर पर दिखलाया जाता है , “आर्य वंशियों” को भारोपीय जाति के उप-समूह के रूप में देखा जाता है जो मूल रूप से भारतीय - यूरोपीय भाषा के बोलने वाले थे, जिनके वंशज पुर्तगाली,भारतीय और यूरोपीय थे, जो यूरोप, एशियाई रूस, एंग्लो-अमेरिका, दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, न्यूजीलैंड , आर्मेनिया , ग्रेटर ईरान और उत्तरी भारत , (जिसे आज पाकिस्तान और बंगलादेश कहा जाता है), और दक्षिणी एशिया के नेपाल , श्रीलंका और मालद्वीप में रहते थे.