कंठ रोग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जनम कुंडली में बुध अस्त , नीच या शत्रु राशि का , छटे -आठवें -बारहवें भाव में स्थित हो , पाप ग्रहों से युत या दृष्ट , षड्बल विहीन हो तो उदर रोग , त्वचा विकार , विषम ज्वर , कंठ रोग , बहम , कर्ण एवम नासिका रोग , पांडू , संग्रहणी , मानसिक रोग , वाणी में दोष , इत्यादि रोगों से कष्ट हो सकता है |