कज़ाकी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कुछ और भी कहानियाँ हैं , जिन्होंने सारी सोच और अस्तित्व को झिंझोड़कर रख दिया और तब भी बार-बार पढ़ने से रुक नहीं पाया मन - डंगर बोली - मुहम्मद मंशा याद बंटवारा - गुलज़ार कज़ाकी - प्रेमचंद सिकन्दर हार गया - अमृतलाल नागर ओ हरामज़ादे - भीष्म साहनी जल्द ही लिखूँगा अपने पसंदीदा उपन्यासों और व्यंग्य लेखों पर भी।